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ऐसे उगाएंगे भिंडी या लेडी फिंगर, तो रुपया गिनते-गिनते थक जाएंगी फिंगर्स !

Published on: 22-Jul-2022

मार्केट हो या फिर भोजन की थाली, ऑल सीजन फेवरिट वेजिटेबल की यदि बात करें, तो लेडी फिंगर (lady finger) यानी भिंडी इस मामले में खास मुकाम रखती है। भिंडी या लेडी फिंगर उगाने की एक खास विधि ऐसी है जिसे अपनाकर, भिंडी की बंपर पैदावार से होने वाली कमाई को गिनते-गिनते किसान की फिंगर्स दर्द कर सकती हैं। यह विधि ऐसी है, जिससे भिंडी की खेती करने वाले किसानों को जबरदस्त मुनाफा हो रहा है। पारंपरिक एवं आधुनिक खेती के संतुलित सम्मिश्रण के कारण किसानों की इनकम में भी सुधार हुआ है। जैविक खाद, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह, मशीनों की मदद, बाजार की सुलभता के कारण किसानों (Farmers) को अब पहले के मुकाबले ज्यादा लाभ मिल पा रहा है।

यूपी की मिसाल

यूपी यानी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई जिले में ताजातरीन वैज्ञानिक विधि को अपनाने से भिंडी की खेती में बेहतरीन पैदावार देखने को मिली है।

उद्यान विभाग का रोल

यहां उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को कृषि गुणवत्ता वाली विधियों को अपनाकर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।



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जिले के किसानों के अनुसार, गेहूं और धान की खेती की बहुतायत वाले क्षेत्र में किसान अब मुख्य फसलों के साथ ही सब्जी की खेती के लिए भी उन्मुख हो रहे हैं। इसका कारण मुख्य फसल को लगाने, देखभाल करने, पकने और फिर बाजार में बेचने में लगने वाला अधिक समय है। इंतजार लंबा होने के कारण किसान अब कम समय में सब्जी की अच्छी पैदावार से ज्यादा पैसा कमाने का मन बना रहे हैं। दीर्घकालिक फसलों पर कभी कम बारिश, कभी तेज आंधी-पानी और ओलावृष्टि से आने वाले संकट के कारण किसानों ने अपने खेत के कुछ हिस्से में वैकल्पिक खेती के तौर पर सब्जी उगाने का निर्णय किया है। किसानों के अनुसार इस फैसले से उनको 3 लाख रुपए का मुनाफा भी अर्जित हुआ। किसानों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक कृषि मेले में उन्हें भिंडी की खेती और उसके बीजों के विषय में विस्तृत जानकारी मिली थी। इस जानकारी ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे भिंडी की खेती करने के लिए और ज्यादा जानकारी जुटाने लगे।



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कृषि विभाग स्थित कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने इन किसानों की जिज्ञासाओं का न केवल समाधान किया, बल्कि खेत का मुआयना भी किया। मिट्टी की जांच कराने के बाद किसानों को कृषि विभाग ने भिंडी लगाने, उसकी देखभाल करने के साथ ही उम्मीद के अनुसार पैदावार करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।

3 लाख की बचत

इलाके के किसान श्रीकृष्ण ने प्रेरित होकर बतौर ट्रायल पहले अपने 1 एकड़ खेत में भिंडी की खेती शुरू की थी। उनके अनुसार इस भिंडी की पैदावार से उन्हें लगभग तीन लाख रुपयों की बचत हुई। इस सफलता के बाद श्रीकृष्ण ने धीरे-धीरे अपने पूरे खेत में भिंडी की खेती करनी शुरू कर दी। अपने अनुभव से वे बताते हैं कि भिंडी की यदि वैज्ञानिकों बताए गए तरीके से खेती की जाए तो 1 एकड़ से लगभग 5 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।

कमाई का सूत्र

जिले के सहायक उद्यान निरीक्षक ने ड्रिप इरीगेशन विधि को भिंडी की सेहत के लिए अति महत्वपूर्ण बताया है। उनके मुताबिक सब्जियों की इस तरह से सिंचाई से मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।



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यहां किसान ऊंची क्यारियां बनाकर भिंडी की खेती करते हैं। ऐसा करने से वर्षा काल में यह क्यारियां खरपतवार और जलभराव से पौधों की रक्षा करती हैं। इससे भिंडी की अच्छी पैदावार होती है।

प्रेरित हो रहे किसान

श्रीकृष्ण को हुए लाभ से प्रभावित होकर जिले के अन्य किसान भी अब बड़ी संख्या में भिंडी की खेती के लिए आगे आए हैं।

उत्पादन का गणित

भिंडी की खेती से जुड़े अनुभवी किसानों के अनुसार 1 एकड़ भूमि पर करीब 45 से 50 दिनों में लगभग 50 क्विंटल भिंडी की पैदावार हो जाती है। जिले में सब्जियों की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ सरकारी मदद भी दी जाती है। इससे किसान, वैज्ञानिक विधि से सब्जी की खेती करके अपनी आय में न केवल सुधार कर रहे हैं, बल्कि उनकी आमदनी की सफलता दूसरे किसानों के लिए भी मिसाल बन रही है।

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