Published on: 30-Sep-2022
खरीफ का सीजन अपने पीक पर है। इस दौरान देश में सबसे ज्यादा धान उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में धान की फसल तैयार हो चुकी है। ज्यादातर राज्यों में तो धान की कटाई भी खत्म हो चुकी है और फसल मंडियों में पहुंचने लगी है। इसको देखते हुए कुछ राज्य सरकारें MSP पर धान की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर चुकी हैं, जबकि कुछ सरकारें धान को MSP पर 1 अक्टूबर से खरीदना प्रारम्भ करेंगी।
अन्य राज्यों को देखते हुए अब जम्मू और कश्मीर का प्रशासन भी अपने राज्य के किसानों की मदद के लिए आगे आया है। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने घोषणा की है कि राज्य में धान किसानों की मदद करने के लिए 23 नई मंडियां खोली जाएंगी, जिसमें किसानों को तमाम आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी, ताकि जम्मू और कश्मीर के किसान बिना किसी परेशानी के अन्य राज्यों के किसानों की तरह अपनी धान की फसल को आसानी से बेच पाएं। राज्य में नई मंडियों की स्थापना करने के लिए जम्मू कश्मीर एडमिनिस्ट्रेशन के साथ एग्रीकल्चर ऑफिसर अपने काम पर लग गए हैं। नई मंडियों की स्थापना और जमीन अधिग्रहण में किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किये हैं।
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किस जिले में कितनी धान मंडियां होंगी स्थापित
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने बताया कि जो 23 मंडिया स्थापित की जानी है वो जम्मू डिवीजन के अंतर्गत ही स्थापित की जाएंगी, क्योंकि धान की पैदावार इसी डिवीजन में होती है। प्रशासन ने बताया कि 11 मंडियां जम्मू जिले में, 11 मंडियां कठुआ जिले में और एक मंडी सांबा जिले में स्थापित की जाएगी। जम्मू और कश्मीर प्रशासन के अंतर्गत आने वाला कृषि उत्पादन व किसान कल्याण डिपार्टमेंट ने इसको लेकर कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है। जल्द ही इसकी सूचना भी सार्वजनिक कर दी जाएगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य भी हुआ तय
राज्य में नई धान मंडियों की घोषणा के साथ ही जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने राज्य के किसानों को तोहफा देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी घोषणा कर दी है। प्रशासन के अनुसार, राज्य में ए ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रूपये प्रति क्विंटल रखा गया है, जबकि सामान्य धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खरीदा जाएगा। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर केंद्र सरकार ने जो दिशा निर्देश जारी किये हैं, मंडियों में उसी के अनुसार खरीदी की जाएगी।
तीनों जिलों में बारदाने की व्यवस्था करने के निर्देश
जिन जिलों में धान की खरीदी होनी है, उन जिलों में प्रशासन की तरफ से बारदाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि किसी भी फसल की खरीदी बिना बारदाने के नहीं हो सकती। इसलिए प्रशासन ने उचित मात्रा में बारदाना रखने के निदेश दिए हैं। साथ ही प्रशासन ने बताया है कि मंडियों में किसानों की समस्याओं को निपटाने के लिए हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जहां पर एक मंडी कर्मचारी हमेशा तैनात रहेगा। यदि किसानों को फसल बेचने से संबधित किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो किसान की उस समस्या को हेल्पडेस्क में उपस्थित कर्मचारी नोट करेगा और किसान को त्वरित समाधान प्रदान करने की कोशिश करेगा।
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कई राज्यों में जल्द ही शुरू होगी धान की खरीदी
पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवम्बर से प्रारम्भ होने जा रही है। हरियाणा सरकार ने इस साल 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए सरकार ने 400 से अधिक मंडियों में धान खरीदी की व्यवस्था की है। मंडियों में खरीदी को लेकर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गईं हैं। इनके अलावा छत्तीसगढ़ में 1 नवम्बर से धान की खरीदी प्रारम्भ होगी। इस दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने 1.1 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए सरकारी अफसर व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने में लगे हुए हैं।