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अगर बरसात के कारण फसल हो गई है चौपट, तो ऐसे करें अपना बीमा क्लेम

Published on: 14-Oct-2022

बदलते हुए मौसम के कारण आजकल मानसूनी गतिविधियों में तेजी से बदलाव आ रहा है, अब कहीं जरुरत से ज्यादा बरसात हो रही है तो कहीं सूखे का सामना करना पड़ रहा है। अगर इस साल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बरसात रिकॉर्ड की गई है, जिसके कारण आम लोगों के साथ-साथ किसानों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस दौरान बहुत सारे किसानों की कई एकड़ फसलें पानी में डूब गईं, जिसके कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को होने वाले नुकसानों को देखते हुए भारत सरकार ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी, जिसके अंतर्गत किसान अपनी फसल का मामूली प्रीमियम भरकर बीमा करवा सकते हैं। अगर उनकी फसल किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की वजह से खराब हो जाये या पूरी तरह से नष्ट हो जाए, तो किसान संबंधित बीमा कम्पनी से अपनी फसल के बीमा का क्लेम भी मांग सकते हैं, जिसके बाद संबंधित बीमा कंपनी किसान को हुए नुकसान की भरपाई करेगी।

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क्या है कृषि बीमा करवाने की प्रक्रिया

कृषि बीमा करवाना बेहद आसान है। इसके लिए किसानों को किसी भी बैंक या बीमा कंपनी के बार-बार चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है। यदि किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है या किसी किसान ने बैंक से पहले से ही लोन ले रखा है, तो उनके लिए यह प्रक्रिया और भी ज्यादा आसान हो जाती है। बीमा करवाने के लिए किसान को बैंक में जाकर एक फॉर्म भरना होगा, जिसके बाद फॉर्म के साथ आधार कार्ड, जमीन से संबंधित कागजात और वोटर आईडी की फोटो कॉपी लगानी होगी, इसके साथ ही पटवारी द्वारा जारी खेत में बोई गई फसल का ब्यौरा भी जमा करना होगा। यह सब बैंक में या बीमा कम्पनी में जमा करने के बाद किसान का बीमा बेहद आसानी से हो जाएगा।

कैसे क्लेम करें कृषि बीमा की राशि ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कृषि बीमा दो प्रकार से क्लेम किया जा सकता है, पहले में यदि फसल पूरी तरह से खराब हो जाये या नष्ट हो जाये तो किसान फसल बीमा का क्लेम कर सकता है। और दूसरे में यदि किसान की फसल आंशिक रूप से खराब हो जाये या कम मात्रा में खराब हो तो भी किसान फसल बीमा का क्लेम कर सकता है। यदि फसल किसी प्राकृतिक आपदा से नष्ट होती है, जैसे - बाढ़, भीषण बरसात, ओले गिरना इत्यादि तो किसान को यह क्लेम लेने के लिए संबंधित बैंक या बीमा कंपनी में आवेदन करना पड़ता है। इसके साथ ही किसान को 72 घंटों के भीतर प्राकृतिक आपदा की वजह से नष्ट हुई फसल की जानकारी कृषि विभाग को देना अनिवार्य होता है। इस जानकारी में बीमा की फोटो कॉपी के साथ ही फसल का पूरा ब्योरा फॉर्म में भरना पड़ता है। वहीं यदि किसान की फसल आंशिक रूप से खराब हुई तो किसान को इसकी जानकारी कहीं देने की जरुरत नहीं है। बीमा कम्पनी या बैंक से सिर्फ क्लेम करने पर, सम्बंधित बैंक या बीमा कम्पनी नुकसान की राशि किसान के बैंक खाते में जमा कर देती हैं।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सभी फसलों के नष्ट होने पर अलग-अलग बीमा राशि सम्बंधित बैंक या बीमा कम्पनी के द्वारा किसानों को दी जाती है। उदाहरण के लिए - यदि किसान की कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है, तो किसान को 36,282 रुपये प्रति एकड़ की दर से बीमा राशि मिलेगी। वहीं अगर किसान ने अपने खेत में धान बोया है और धान की खेती प्राकृतिक आपदा की वजह से नष्ट हो गई है, तो किसान को 37,484 रुपये प्रति एकड़ की दर से बीमा राशि मिलेगी। इसी तरह से बाजरा, मक्का और मूंग की फसल के लिए क्रमशः 17,639 रुपये, 18,742 रुपये और 16,497 रुपये प्रति एकड़ की दर से किसानों को बीमा राशि प्रदान की जाएगी।

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