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उत्तर प्रदेश के एग्रीकल्चर सेक्टर में अमेरिकन कंपनियां करने जा रही है मोटा निवेश

Published on: 29-Nov-2022

एग्रीकल्चर के क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए सरकार के द्वारा नई-नई योजनाओं व नई-नई तकनीकों के साथ खेती करने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सब्सिडी के साथ-साथ लगातार प्रशिक्षण दे रही है। भारत देश के सभी स्टेट एग्रीकल्चर ग्रोथ पर लगातार काम कर रहे हैं, विदेशी कंपनियां भी अब देश में निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार भी कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए और संभव कदम उठा रही है। उत्तर प्रदेश की सरकार का कृषि क्षेत्र में जागरूकता को देखते हुए विदेशी कंपनियां निवेश करने के लिए दिलचस्पी दिखा रही है। जिस तरह से पहले के मुकाबले गेहूं, मक्का, दलहन और तिलहन का रकबा उत्तर प्रदेश स्टेट में बढ़ रहा है, उसको देखते हुए विदेशी कंपनियां अब निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं। जीआइएस-2023 की नोडल एजेंसी इंवेस्ट यूपी के अनुसार एग्रीकल्चर समेत 9 सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकन कंपनियों के निवेश पर ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने अमेरिकन कंपनियों को निवेश करने के लिए न्योता भेजा है।



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अमेरिकन कंपनियों के अधिकारियों ने भी मुख्य तौर पर कृषि के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जताई है। इसके अलावा भी बाकी के सेक्टरों में भी अमेरिकन कंपनी निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विदेशी कंपनियों के अधिकारी अब उत्तर प्रदेश में आकर सर्वेक्षण करेंगे और नई तकनीक के साथ किस तरह से फसलों के उत्पादन को बेहतर किया जाए इस पर कार्य करेंगे। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से अभी तक 9 विदेशी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में इन्वेस्ट करने की सहमति दी है। उत्तर प्रदेश राज्य में 90 हजार से भी अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्लस्टर हैं, जो सभी अमेरिकन कंपनियों के संपर्क में है। विदेशी कंपनियां अगर स्टेट में निवेश करती हैं, तो इससे पारंपरिक खेती में नई तकनीकों के साथ-साथ अलग तरह के खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ में फसल उत्पादन भी बढ़िया होगा और इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

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