Published on: 20-Nov-2023
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि ज्वार, बाजरा एवं रागी जैसे मोटे अनाजों में फाइबर, विटामिंस, आयरन और प्रोटीन जैसे मिनरल तत्व भरपूर मात्रा में उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही ये अनाज ग्लूटन-फ्री सुपरफूड्स के रूप में जाने जाते हैं, जो डाइबिटीज को नियंत्रित करने में बेहद सहायता करते हैं। ऐसी स्थिति में आज हम आपको मोटे अनाज जैसे कि रागी, बाजरा और ज्वार का सेवन करने से होने वाले लाभों के विषय में बताऐंगे।
विगत दीर्घकाल से ना सिर्फ भारत में, बल्कि विश्वभर में लोगों के मध्य मोटे अनाजों की चर्चा काफी तीव्र हो गई है। क्योंकि इस साल यानी कि 2023 को भारत सरकार के आह्वान पर इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जा रहा है। मोटे अनाजों की खेती तथा इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने में जुटी भारत सरकार लगातार इस बात के प्रयास में जुटी है, कि मोटे अनाजों की पहुंच भारत में हर घर तक बने। साथ ही, मोटे अनाज का सेवन करने से होने वाले लाभों के विषय में लोगों को जानकारी मिल सके।
श्री अन्न यानी मोटे अनाज का सेवन करने से होने वाले लाभ
दरअसल, ये तो स्पष्ट तौर पर जाहिर है, कि ज्वार, बाजरा तथा रागी जैसे
मोटे अनाज विटामिंस, आयरन, प्रोटीन और फाइबर जैसे मिनरल तत्वों से भरपूर होते हैं। साथ ही, ये अनाज ग्लूटन-फ्री सुपरफूड्स के रूप में जाने जाते हैं, जो कि डाइबिटीज को नियंत्रित करने में बेहद सहायता करते हैं। अगर हम बात करें ग्लूटन की तो, ग्लूटन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो गेहूं, जौ एवं राई में पाया जाता है। इसके साथ ही ग्लूटन-फ्री डाइट सेहत में सुधार लाने, वजन घटाने एवं एनर्जी बढ़ाने में सहायता करती है।
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साथ ही, जिन व्यक्तियों को हृदय संबंधित बीमारियां हैं, उनके लिए मिलेट्स खाना लाभदायक साबित हो सकता है। क्योंकि ज्वार और बाजरा खाने से ब्लड सर्कूलेशन काफी अच्छा रहता है। ऐसी स्थिति में यदि आप दिल के मरीज हैं, तो आप ज्वार और बाजरा का सेवन अवश्य करें। इसके अतिरिक्त पेट में कब्ज हो अथवा एसिडिटी, पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी श्री अन्न काफी लाभदायक साबित होता है। बतादें, कि मोटे अनाजों को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। अस्थमा, मेटाबॉलिज्म और डायबिटीज जैसी विभिन्न स्वास्थ्य परेशानियों को दूर करने में मोटे अनाजों को शानदार माना गया है।
मोटे अनाजों का सेवन इन बीमारियों से ग्रसित लोग ना करें
हाइपोथायरायडिज्म, जिसको अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि के नाम से भी जाना जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है, तो उन्हें
मोटे अनाजों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि, मोटे अनाज में गोइट्रोजेन होता है जो आयोडीन के अवशोषण में बाधा पैदा कर सकता है। हालांकि, जब खाना पकाया जाता है, तो पकने की वजह से इसमें मौजूद गोइट्रोजेन की मात्रा कम हो सकती है। परंतु, इसको पूर्णतय समाप्त नहीं किया जा सकता।