Published on: 28-Aug-2022
अहमदाबाद।
भारत में एक ऐसा गांव है जिसमें 80 फीसदी लोग 1500 किस्मों के पौधों की होलसेल मार्केट करते हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
गुजरात के नवसारी जिले के दोलधा गांव में एक अध्यापक अमृत भाई पटेल ने लोगों को खेती से बिजनेस करने का तरीका समझाया। साल 1991-92 में शुरू हुई यह पहल आज बड़ी क्रांति बनकर दुनियां के सामने आई है। आज गांव के न केवल 80 फीसदी से ज्यादा लोग इस बिजनेस को कर रहे हैं, बल्कि शहरों से आकर भी लोग इस गांव में पौधशाला बना रहे हैं और व्यवसाय कर रहे हैं। अब यहां 1500 किस्मों के पौधे मिलते हैं।
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पर्यावरण प्रेमी हैं अमृत पटेल
गुजरात के गांव दोलधा के रहने वाले अमृत पटेल शुरू से ही पर्यावरण के प्रेमी रहे हैं। वह पेड़-पौधों एवं प्रकृति से हमेशा प्रेम करते रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने नौकरी के साथ-साथ कुछ पौधे बेचना शुरू किया। कुछ दिनों बाद यही काम अच्छा चलने लगा और अमृत पटेल ने नौकरी छोड़कर अपना पूरा ध्यान
नर्सरी बिजनेस (
Doldha Nursery) पर ही लगा दिया। उन्ही से प्रेरणा लेकर गांव के दूसरे लोग भी नर्सरी बिजनेस करने लगे।
नर्सरी बिजनेस से जुड़ गया है पूरा गांव
साल 1991 में शुरू हुई
नर्सरी की बिजनेस ने आज पूरे गांव में विस्तार कर लिया है। इसकी शुरुआत अमृतभाई पटेल ने की। करीब 6 साल बाद साल 1997 में गांव के कई और किसान भाई भी नर्सरी बिजनेस से जुड़ गए और गांव में छोटी-बड़ी करीब 200 से ज्यादा नर्सरियां बन गईं। आज गांव की आबादी का 80 फीसदी हिस्सा नर्सरी बिजनेस कर रहा है।
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दोलधा गांव की जमीन है उपजाऊ
गुजरात के दोलधा गांव की जमीन काफी उपजाऊ है और पौध के लिए बेहद उपयोगी है। यहां पौधों के साथ लॉन घास भी काफी अच्छा परिणाम देती है। यहां का वातावरण भी पौधे उगाने के लिए बहुत अच्छा है। पानी भी यहां काफी मीठा है, इसीलिए यहां के पौधों की नर्सरी लोगों को काफी पसंद है। दिल्ली, मुम्बई, पुणे के अलावा राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी यहां से पौधे जाते हैं।