फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत सुगंधित एवं औषधीय पौधों के प्रत्यक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन 22 जनवरी 2024 से चालू हो गए हैं। बिहार सरकार कृषकों को फसल विविधीकरण करने के लिए बढ़ावा दे रही है। इससे ना केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित किया जाऐगा। इस योजना के चलते किसानों को सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती करने से ज्यादा धनराशि मिल सकती है। किसानों को योजना के अंतर्गत पचास फीसद तक अनुदान मिल रही है।
बिहार सरकार तुलसी, शतावरी, लेमन ग्रास, पाम रोजा और खस की खेती को फसल विविधीकरण के अंतर्गत प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। 22 जनवरी 2024 से योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना प्रारंभ हो गया है। बिहार के 9 जनपदों के किसान इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। इस योजना का फायदा बिहार के नौ जनपदों के कृषकों को प्राप्त हो सकता है। इन जनपदों में पश्चिम चम्पारण, नवादा, सुपौल, सहरसा, खगड़िया, वैशाली, गया, जमुई और पूर्वी चम्पारण शम्मिलित हैं। योजना का फायदा उठाने के लिए इच्छुक किसान सुगंधित एवं औषधीय पौधों का क्षेत्र विस्तार कर सकते हैं, जिसका रकबा कम से कम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर हो सकता है।
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बिहार के उद्यान निदेशालय ने फसल विविधीकरण योजना को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि किसानों को लेमनग्रास, पाम रोजा, तुलसी, सतावरी एवं खस की खेती करने के लिए 50% प्रतिशत अनुदान मुहैय्या कराया जाऐगा। अगर इसकी इकाई की लागत 1,50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर है। बतादें, कि कृषकों को इस पर 50% प्रतिशत मतलब कि 75 हजार रुपये का अनुदान दिया जाऐगा।
किसान भाई इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान उद्यान निदेशालय की आधिकारिक साइट horticulture.bihar.gov.in पर मौजूद 'फसल विविधीकरण योजना' के 'आवेदन करें' लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक किसान आधिक जानकारी के लिए संबंधित जनपद के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क साध सकते हैं।