1 अप्रैल को बिहार सरकार लांच करने जा रही है कृषि रोड मैप ; जाने किस तरह से होगा बदलाव

Published on: 18-Feb-2023

बिहार सरकार प्रदेश का चौथा कृषि रोडमैप 1 अप्रैल को लॉन्च करने वाली है और माना जा रहा है कि यह बिहार के किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी बनकर सामने आएगा. बिहार सरकार में से जुड़ी हुई सभी तरह की तैयारियां कर ली है. इस कृषि रोडमैप की अवधि को 5 साल रखा गया है और कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसमें फसल विविधीकरण,  पशु चिकित्सा,  उच्च खाद्यान्न उत्पादन और कृषि की बेहतर विपणन सुविधाओं की तरफ ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा 21 फरवरी को पटना में राज्य भर के किसानों और कृषकों के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जहां पर आने वाले रोड मैप में शामिल करने के लिए अलग-अलग तरह की आवश्यकता के बारे में किसानों से फीडबैक लिया जाएगा. फिलहाल राज्य की कृषि नीतियां रोड मैप तीसरे संस्करण में चल रहा है जिसे कोविड-19 के कारण मार्च 2023 तक बढ़ाकर आगे कर दिया गया था. सरकार के कृषि सचिव एन सरवण कुमार ने कहा है कि पिछले कुछ समय से वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट के अलावा हितधारकों से भी फीडबैक लेने का प्रचलन चालू हो गया है/ सरकार द्वारा इस बार के कृषि रोड मैप में बाजरा तिलहन और दाल जैसे फसल के उत्पादन पर जोर देने की बात की जा रही है.

2007 में  लांच किया गया था पहला संस्करण

अधिकारियों से हुई बातचीत से पता चला है कि डिजिटल कृषि की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और इसके तहत किसानों को मौसम से जुड़े हुए ताजा अपडेट पहले ही मिल जाएंगे.इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से यूरिया का उपयोग भी रोड मैप का एक अहम बिंदु माना जा रहा है. नैनो यूरिया एक प्रकार का उर्वरक है जिसे दानेदार उर्वरक की तुलना में ज्यादा लाभकारी माना गया है और साथ ही यह कम मात्रा में भी इस्तेमाल होता. ये भी पढ़े: किसान ड्रोन की सहायता से 15 मिनट के अंदर एक एकड़ भूमि में करेंगे यूरिया का छिड़काव इस रोड मैप के तहत कृषि विपणन पर भी काफी ध्यान दिया जाएगा और खाद्यान्न का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करना इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा. कृषि रोडमैप का पहला संस्करण नीतीश कुमार द्वारा 2007 में लांच किया गया था.

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