पिछले दिनों देश के कई राज्यों में अंधड़ एवं बरसात से गेहूं, सरसों तथा आलू जैसी कई फसलों को मोटा नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए जिन किसानों ने बीमा कराया हुआ है वह अपनी बैंक से बीमा कंपनी का टोलफ्री नंबर लेकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कंपनियां किसानों को नुकसान का मुआबजा देने में आनाकानी करती हैं लिहाजा किसानों को सामूहिक रूप से शिकायत करनी चाहिए। फसली बीमा इसी समय के लिए होता है जब किसानों की फसल में नुकसान होे तो उन्हें कुछ मदद हो सके। इस बार लम्बी शर्दियों के चलते गेहूं की फसल किसानों को बेहद खुशहाली दे रही थी। उन्हें लग रहा था कि उत्पादन अच्छा होगा लेकिन एक दिन और चंद मिनटों के आंधी, तूफान और ओलावृष्टि ने सब चौपट कर दिया। अब किसानों की फसल जमीन पर लेट चुकी है। इसे चूहे भी कतरेंगे और गेहूं के दाने का बजन भी 25 से 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।
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जिन किसानों ने फसली कर्जा यानी केसीसी ले रखा है वह अपनी बैंक शाखा से संपर्क करें कि उनका बीमा किस कंपनी ने किया है ओर उसका टोल फ्री नंबर क्या है। इसके अलावा हर ब्लाक स्तर पर कृषि विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय होता है। वहां से भी यह जानकारी ली जा सकती है। अखबरों में भी इन नंबरों का प्रकाशन किया जाता है। कुल मिलाकर इन नंबरों पर अपनी शिकायत दर्ज करानी है।