खेती-किसानी के तौर तरीकों में समय के साथ-साथ बदलाव आया है। किसान अपनी फसलों का उत्पादन पॉली हाउस जैसी उन्नत तकनीकों के जरिए कर रहे हैं।
दरअसल, पॉली हाउस आधुनिकता से भरी एक उन्नत तकनीक है। इस तकनीक के जरिए खेती करने से फसल पर मौसम का प्रभाव भी नहीं पड़ता है। साथ ही, किसानों की भी तगड़ी कमाई होती है।
यदि आप भी परम्परागत खेती कर के ऊब चुके हैं और चाहते हैं कुछ नया करना तो आज का यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
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किसान भाई अब परंपरागत खेती की वजाय लाल-पीली शिमला मिर्च उगा रहे हैं। इससे उनको साल में लाखों का मुनाफा भी हांसिल हो रहा है।
आजकल आधुनिकता के बढ़ते अब खेती की तकनीक भी बदल रही हैं। किसान भाई खेती करने के लिए नई तकनीकों को इस्तेमाल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक किसान पॉली हाउस में शिमला मिर्च की जैविक खेती कर तगड़ा मुनाफा प्राप्त कर रहा है।
हाथरस जनपद के गांव नगला मोतीराय के मूल निवासी सेवानिवृत शिक्षक श्याम सुंदर शर्मा और उनके बेटे अमित शर्मा ने लगभग 6 साल पहले पॉली हाउस लगाकर रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती शुरू की थी। रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती शुरू करने से पहले उन्होंने खेत की मिट्टी-पानी आदि की जांच कराई।
श्याम सुंदर शर्मा ने बताया है, कि फसल को कीट और रोग मुक्त करने के लिए भी जैविक तकनीकी का प्रयोग किया जाता है। आम शिमला मिर्च के मुकाबले रंग-बिरंगी शिमला मिर्च बाजार में अच्छे रेटों पर बिकती है।
उन्होंने आगे बताते हुए कहा, कि उनका ये पॉली हाउस एक एकड़ में फैला हुआ है। रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती से वह साल भर में लगभग 12 से 14 लाख रुपये की आमदनी कर लेते हैं।
वहीं, पिता की खेती में मदद कर रहे श्याम सुंदर शर्मा के पुत्र अमित शर्मा बताते हैं, कि ये काम मन को तसल्ली देने वाला है। लाल-पीली शिमला मिर्च का मार्केट आगरा और दिल्ली में है।
गाड़ी लोड होकर मंडी पहुंच जाती है और पैसा आ जाता है। वह अन्य किसानों को भी पॉली हाउस लगाकर रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती करने की सलाह देते हैं।