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सावधान : इस राज्य में टिड्डियों की दस्तक देखने को मिली है

Published on: 01-Aug-2023

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि राजस्थान से टिड्डियों की दस्तक की खबरें सामने आ रही हैं। दरअसल, राजस्थान में इस बार अच्छी खासी वर्षा दर्ज की गई है। राजस्थान के सीमा के क्षेत्रों में बारिश की वजह से काफी नमी देखी गई है। बतादें, कि टिड्डियों के लिए यह जलवायु उपयुक्त मानी जाती है। अब ऐसी स्थिति में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डियों के तांडव का संकट बढ़ गया है।

मानसूनी बारिश से राजस्थान के बार्डर पर नमी की स्थिति है

जैसा कि उपरोक्त में हमने बताया है, कि राजस्थान की सीमा से सटे इलाकों में अच्छी-खासी मानसूनी बारिश हुई है। इसकी वजह से किसानों के चेहरे पर मुस्कराहट साफ दिखाई दे रही है। हालांकि, रेगिस्तानी क्षेत्रों में एक बार पुनः टिड्डियों का खतरा मंडराने लग गया है। हाल ही के सर्वे में बीकानेर जनपद के सुरधना में टिड्डियों का झुंड दिखाई दिया है। टिड्डी विभाग का दावा है, कि सर्वे में मिली टिड्डी का घनत्व काफी कम है। साल 2019 - 20 में पाकिस्तान से आए टिड्डियों ने राजस्थान सहित भारत के विभिन्न इलाकों में खूब जमकर तांडव मचाया था।

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टिड्डियों के लिए उपयुक्त जलवायु

राजस्थान के अंतर्गत इस वर्ष ठीक-ठाक वर्षा हुई है। बाड़मेर से लगाकर बीकानेर तक निरंतर बारिश का सिलसिला जारी है। बतादें, कि पश्चिमी राजस्थान के क्षेत्रों में नमी है, जो कि टिड्डियों के लिए उपयुक्त परिस्थिति मानी जाती है। बतादें, कि परिस्थितियों को मंदेनजर रखते हुए टिड्डी विभाग की तरफ से माह में दो बारी बाड़मेर सहित राजस्थान और गुजरात के विभिन्न जनपदों का सर्वे करवाया जा रहा है। इसी सर्वे के अंतर्गत बीकानेर में व्यस्क टिड्डियां सक्रिय देखी गई हैं।

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टिड्डी विभाग बाड़मेर के प्रमुख डॉ. विरेन्द्र कुमार के अनुसार, राजस्थान और गुजरात के अंदर टिड्डी का दस जनपदों में सर्वेक्षण चल रहा है। फिलहाल, बीकानेर के एक गांव में दस अथवा 15 व्यस्क टिड्डी नजर आई हैं। कोई चिंता की बात नहीं है। हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

टिड्डियों ने पहले इस साल में आतंक मचाया था

मीड़िया खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2019 और 2020 के दौरान पड़ोसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात के विभिन्न इलाकों में फसल चौपट कर दी थी। इसके चलते हजारों किसानों को करोड़ों रुपए की हानि हुई थी। एक आंकड़े के अनुसार, टिड्डी विभाग की ओर से 6000 हेक्टेयर में उस समय छिड़काव किया गया था

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