Published on: 19-Oct-2022
दिवाली पर केंद्र सरकार ने दाल एवं गेंहू सहित और भी छह फसलों की एम एस पी (MSP) में वृध्दि कर दी है। गेंहू सहित समस्त रबी फसलों की एम एस पी में ३ से ९% बढ़ोतरी की पहल कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने की थी। हाल ही में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की १२ वीं किस्त भी किसानों के खातों में ट्रांसफर करदी गयी है, इसके साथ ही किसानों की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार ने एम एस पी की दर भी बढ़ा दी है।
यह किसानों के लिए दोहरा तोहफा दिया गया है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की उर्वरकों से सम्बंधित समस्या के निराकरण के लिए ६०० समृद्ध उर्वरक केंद्र स्थापित भी किये हैं, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री जी ने एग्री स्टार्ट अप कॉनक्लेव और किसान सम्मेलन (Agri Startup Conclave & Kisan Sammelan) के दौरान की थी। बीते दिनों प्रचंड बारिश के चलते किसानों की फसल चौपट हो चुकी है, जिसके लिए सरकार किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दे चुकी है। केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई सारी योजनायें चला रखी हैं, जिनसे किसान काफी हद तक लाभ उठा सकते हैं।
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एम एस पी किस प्रकार निर्धारित होती है ?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) केंद्र सरकार के निर्देशानुसार किसानों द्वारा फसल पर व्यय एवं फसल के अंतिम छोर तक पहुँचने तक समस्त खर्च संज्ञान में रखने के उपरांत ही न्यूनतम समर्थन मूल्य निश्चित किया जाता है। इसे
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices (CACP)) द्वारा निर्धारित किया जाता है, लेकिन गन्ने का समर्थन मूल्य सिर्फ गन्ना आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है। गन्ने को छोड़कर अन्य रबी एवं खरीफ की फसलों की एम एस पी
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा निर्धारित की जाती हैं। गेंहू सहित अन्य छह रबी की फसलों में ३ से ९ प्रतिशत तक न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है।
किस फसल पर कितनी एम एस पी बढ़ी है ?
केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले के बाद गेंहू के मूल्य में ११० रुपये, जौ में १००, चना में १०५, मसूर में ५०० एवं सरसों में ४०० रूपये की बढ़ोत्तरी हुयी है। पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा
खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है, धान की बिक्री का समय आ गया है। किसानों को अपनी लागत के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल पायेगा एवं अन्य भी खरीफ की फसल जैसे दाल, तिल इत्यादि का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जा चुका है। किसान दिवाली से पूर्व न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से बेहद खुश हैं।
किसानों के लिए किस तरह सहायक साबित होती है एम एस पी में वृद्धि ?
आये दिन मंहगाई में वृद्धि होने से किसानों की लागत भी बढ़ जाती है क्योंकि उनको फसल तैयार करने के लिए बीज, सिंचाई, कीटनाशक एवं उर्वरकों के साथ साथ जुताई बुवाई में भी काफी व्यय करना पड़ता है, जिसके चलते किसान को उसके द्वारा फसल में लगायी गयी लागत एवं मुनाफा लेने के लिए फसल के मूल्य में वृद्धि होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए केंद्र सरकार की सहमती से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है, जिससे किसानों को उनकी लागत के साथ साथ बेहतर मुनाफा भी प्राप्त हो सके।