Kisan diwas 2023: किसान दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस पर ही क्यों मनाया जाता है?

Published on: 23-Dec-2023

भारत एक कृषि प्रधान देश माना जाता है। क्योंकि, यहां की आधी से ज्यादा जनसंख्या आज भी कृषि अथवा इससे संबंधित कार्यों पर आश्रित है। अब ऐसी स्थिति में आपके मन में विचार आ रहा होगा कि किस वजह से 23 दिसंबर के दिन ही किसान दिवस मनाया जाता है? आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि 23 दिसंबर को ही देश के पांचवें प्रधानमंत्री और दिग्गज किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है। उन्होंने अन्नदाताओं के हित में एवं खेती के लिए विभिन्न अहम कार्य किए हैं, जिन्हें इस दिन याद किया जाता है।

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किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जी का राजनैतिक सफर 

फरवरी 1937 में वह 34 वर्ष की आयु में छपरौली (बागपत) निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्त प्रांत की विधान सभा के लिए चुने गए। चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि किसानों की दशा बदलेगी, तभी देश बढ़ेगा और इस दिशा में वे अपने जीवन भर निरंतर कार्य करते रहे। चौधरी चरण सिंह (23 दिसंबर 1902 - 29 मई 1987) वह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला।

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अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उनका कार्यकाल दोनों बार ज्यादा लंबा नहीं चला था। इसके बावजूद भी उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भूमि सुधार लागू करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए किसान वर्ग के हितों में बहुत सारे बड़े एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए थे। ऐसा कहा जाता है, कि चौधरी चरण सिंह ने स्वयं ही उत्तर प्रदेश जमींदारी और भूमि सुधार बिल का प्रारूप तैयार किया था।

चौधरी चरण सिंह जी द्वारा किसानों के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदम 

भारत में प्रत्येक वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि, इस दिन भारत अथक परिश्रम करने वाले अन्नदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करता है। भारत की अर्थव्यवस्था के अंदर उनका अहम योगदान रहा है। किसान दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कृषि वैज्ञानिकों के योगदान, किसानों की समस्याएं, कृषि क्षेत्र में नए प्रयोग, नई तकनीक, फसल पद्धति और खेती में सकारात्मक बदलाव जैसे विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा होती है। 1938 में उन्होंने विधानसभा में एक कृषि उपज बाजार विधेयक पेश किया जो दिल्ली के हिंदुस्तान टाइम्स के 31 मार्च 1938 के अंक में प्रकाशित हुआ था। इस विधेयक का उद्देश्य व्यापारियों की लोलुपता के खिलाफ किसानों के हितों की रक्षा करना था। किसानों के हित में अपना जीवन समर्पित करने की वजह से चौधरी चरण सिंह जी को किसान मसीहा की उपाधि मिली है। किसान दिवस के दिन पूरे देशभर में चौधरी चरण सिंह जी के किसान हित में किए गए प्रयासों को याद किया जाता है।  

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