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किसान भाई परमल किस्म की धान की ई-खरीद ना होने से निराश

Published on: 13-Nov-2023

अनाज मंडियों में अन्य दूसरे प्रदेशों से परमल धान की किस्मों के आने की संभावना के कारण प्रशासन ने ई-खरीद पोर्टल के जरिए से परमल किस्मों की खरीद रोक दी है। इस वजह से जिन कृषकों का परमल धान अब भी खेतों में पड़ा हुआ है, वे काफी परेशान हैं। हरियाणा में करनाल जनपद की अनाज मंडियों में अन्य राज्यों से परमल धान की किस्मों के आने के अंदेशे की वजह से प्रशासन ने ई-खरीद पोर्टल के जरिए से परमल किस्मों की खरीद को रोक दिया है। इस कारण से जिन किसानों का परमल धान आज भी खेतों में पड़ा हुआ है, वे काफी कठिनाई में फंस गए हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, किसानों ने आरोप लगाया है, कि प्रशासन का यह कदम उनको निजी खरीदारों को औने-पौने भावों पर अपनी फसल विक्रय के लिए विवश कर सकता है। साथ ही, अधिकारियों ने यह दावा किया है, कि जनपद में कटाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। साथ ही, उनको यह आशंका है, कि जनपद की अनाज मंडियों में कुछ व्यापारी अन्य राज्यों से धान ला सकते हैं तथा एमएसपी पर विक्रय कर सकते हैं।साथ ही, किसानों की मांग है, कि धान की फसल खेतों में पड़ी है अथवा नहीं, इसकी जांच कर अधिकारी धान की खरीद शुरू करें। रिपोर्ट के मुताबिक, परमल धान (एमएसपी 2,203 रुपये प्रति क्विंटल) का पंजीकरण फिलहाल ई-खरीद की जगह ई-एनएएम पोर्टल पर किया जा रहा है। सरकारी एजेंसियों की जगह, उनका उत्पादन फिलहाल निजी खरीदारों द्वारा खरीदा जा रहा है।


 

परमल धान की 97 लाख क्विंटल आवक हुई है

करनाल जनपद में अब तक लगभग 97 लाख क्विंटल परमल धान की आवक हो चुकी है। वहीं, विगत वर्ष आवक लगभग 107 लाख क्विंटल थी। जरीफाबाद के पुनीत गोयल ने बताया कि, “बाढ़ के बाद, मैंने नौ एकड़ में परमल किस्म के धान की खेती की थी। वर्तमान में फसल कटाई के दौरान मुझे पता चला कि खरीद बंद कर दी गयी है। सरकार को धरातल पर आकर देखना चाहिए और जो धान अभी भी खेतों में है, उसे खरीदना चाहिए।” एक अन्य किसान निरवेर सिंह ने कहा कि आठ एकड़ में परमल किस्म के धान की कटाई अभी बाकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी खरीदार एमएसपी से नीचे उत्पादन को खरीदेंगे।

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धान खरीद कम एमएसपी में होगी

खबर के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि व्यापारियों को राज्य के बाहर से धान लाने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। " हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी धान एमएसपी से नीचे न खरीदा जाए। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं.” उन्होंने कहा, ''जिले भर के खेतों में शायद ही परमल की कोई फसल खड़ी है।" गौरतलब है, कि परमल धान की बिक्री करने के लिए वर्तमान में किसानों को पंजीकरण फिलहाल ई-खरीद पोर्टल की जगह ई-नाम पोर्टल पर करना पड़ रहा है। साथ ही, सरकारी एजेंसियों के बजाय, उपज अब निजी खरीदारों द्वारा खरीदी जा रही है।

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