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ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसल हुई बर्बाद

Published on: 21-Mar-2023

मध्य प्रदेश में अचानक आई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से वहां के किसानों की गेंहू की खड़ी फसल खराब हो गई है। स्थानीय विधायक कुणाल चौधरी ने बताया है, कि बारिश और ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलों को खूब हानि हुई है।उहोंने यह भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से निवेदन करना चाहता हूं, कि वह किसानों की आर्थिक सहायता करें। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि मध्य प्रदेश के शाजापुर जनपद में शनिवार को प्रचंड बारिश हुई। परिणामस्वरुप किसान की खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। खबरों के मुताबिक, इस आकस्मिक बारिश से किसानों को बेहद आर्थिक हानि पहुंची है। इस परिस्थिति में कालापीपल के विधायक कुणाल चौधरी ने किसानों की क्षतिग्रस्त हुई फसल के विषय में जानकारी लेने के लिए उनके खेतों में जाकर फसलों का सर्वेक्षण किया। साथ ही, बीजेपी सरकार पर खूब जमकर तंज कसे। इसी कड़ी में एक पीड़ित किसान विधायक को देखके भावुक हो गया उनके गले से लगकर रोने लगा। खबरों के अनुसार, जनपद में तकरीबन 40% से अधिक रबी की फसल हानि हो गई है।

विधायक से गले मिलकर रोया पीड़ित किसान

विधायक कुणाल चौधरी ने बताया है, कि बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े स्तर पर हानि पहुंची है। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कुणाल चौधरी का कहना है, कि अतिशीघ्र उनके स्तर से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही, उन्होंने बताया है, कि राज्य में सोयाबीन, प्याज एवं लहसुन उत्पादक किसानों को लाभ अर्जित नहीं हुआ है। भाव कम होने के कारण सोयाबीन, प्याज एवं लहसुन की कृषि करने वाले किसान भाई फसल पर किया गया खर्च भी नहीं निकाल पाए हैं। फिलहाल, वर्षा से गेहूं की फसल के ऊपर भी संकट के बादल छा गए हैं। अब सरकार द्वारा किसानों से समुचित मूल्य पर गेहूं खरीदना चालू करने की जरूरत है। ये भी देखें: सर्दी में पाला, शीतलहर व ओलावृष्टि से ऐसे बचाएं गेहूं की फसल

किसानों ने क्षतिग्रस्त फसल के लिए की आर्थिक सहायता की माँग

इसी कड़ी में कुणाल चौधरी ने बताया है, कि कांग्रेस द्वारा किसान भाइयों का कर्ज माफ कर कृषि को सुगम कर दिया था। परंतु, आज की सरकार ने केवल किसानों का जीवन बर्बाद करने का कार्य किया है। आज की सरकार ने 4 गुना महंगा खाद करके किसानों की फसल पर लगने वाली लागत को बढ़ाने का कार्य किया है। इतना ही नहीं किसानों के आगे बेबुनियाद और झूठे वादे करके उनको मुख्यमंत्री जी गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई की वजह से किसानों का फसल पर किए जाने वाला खर्च 3 गुना बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में हमारी चाह है, कि किसान भाइयों को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए एवं गेहूं का मूल्य 3000 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए। साथ ही, कालापीपल के विधायक कुणाल चौधरी ने यह बताया है, कि सरकार को 40000 प्रति हैक्टर की कीमत से किसानों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए।

बारिश की वजह से रबी फसल क्षतिग्रस्त

साथ ही, शाजापुर जनपद के प्रभारी मंत्री ने सूचित किया है, कि मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसल को बेहद हानि हुई है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को जो हानि वहन करनी पड़ी है, उसका सर्वेक्षण करने के आदेश दिए जा चुके हैं। परंतु, विचार करने योग्य बात यह है, कि मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और शिवराज सरकार के मंत्री द्वारा जब आदेश जारी किया जा चुका है। तो फिर क्यों अब तक किसानों के खेत में कोई राजस्व अधिकारी निरीक्षण करने अब तक क्यों नहीं पहुंचा है।

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