Published on: 28-Jun-2022
वैश्विक बाजार में गेंहू के भीषण संकट के बीच भारत बना हमदर्द
नई दिल्ली।
केन्द्र सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए इस साल 13 मई को
गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। पाबंदियों के बाद भी भारत ने कई जरूरमंद देशों को लाखों टन गेहूं निर्यात किया है। भारत के गेहूं भेजने से ही कई देशों को रोटी मिल रही है।
सरकार ने गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगाने के साथ यह भी प्रावधान रखा था कि भारत जरूरतमंद देशों को गेहूं निर्यात करता रहेगा। यही कारण है कि खाद्य पदार्थों पर पाबंदी लगाने के बाद भी भारत ने कई देशों को गेंहू की आपूर्ति दी है, जिन्हें बेहद जरूरत है। चालू वित्त वर्ष में 14 जून तक भारत ने 29.70 लाख टन गेंहू का निर्यात किया है। इसी दौरान 2.59 लाख टन गेंहू के आटे का भी निर्यात किया गया है। अकेले पड़ोसी देश बांग्लादेश को 1.5 लाख टन गेंहू निर्यात किया गया है।
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जरूरतमंदों की मदद को हमेशा खड़ा है भारत
- भारत ने अपनी 1.38 अरब लोगों की आबादी के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए हमेशा जरूरतमंदों की मदद भी की है। भारत ने गेंहू प्रतिबंध का फैसला भी अपने देश के नागरिकों के हित में लिया था। साथ ही उन जरूरमंद देशों की समय पर मदद करने के लिए भी भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई थी। आज भारत ने कई जरूरतमंद देशों की मदद करके यह साबित कर दिया कि भारत जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहता है।
इन 18 जरूरतमंद देशों को भारत ने दी है रोटी
- इस साल
गेंहू की कम पैदावार के चलते
वैश्विक बाजार में गेंहू का भारी संकट है। इस संकट के बीच भारत ने 18 जरूरतमंद देशों की मदद की है। जिनमें अफगानिस्तान, भूटान, इजरायल, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, ओमान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, स्विट्जरलैंड, सूडान, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यमन और वियतनाम देश शामिल हैं।
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लोकेन्द्र नरवार