Published on: 10-May-2023
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से देश के विभिन्न स्थानों पर किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। राज्य सरकार राहत पैकेज का लाभ केवल 13 प्रभावित जनपदों के किसानों को ही मिलेगा। इन जनपदों के अंतर्गत साबरकांठा, सूरत, कच्छ, अमरेली, जामनगर, भावनगर, अहमदाबाद, जूनागढ़, राजकोट, बनासकांठा, अरवल्ली, तापी और पाटन का नाम शम्मिलित हैं।
गुजरात राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। गुजरात की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। गुजरात सरकार का कहना है, कि मार्च और अप्रैल माह के चलते बेमौसम बारिश से राज्य में फसलों की काफी ज्यादा हानि हुई है। इससे किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ी है। हालाँकि, अब किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आजकल राज्य के किसानों को फसलीय क्षति से राहत दिलाने के बदले में मुआवजा धनराशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए सरकार की तरफ से रोड मैप तैयार कर लिया है।
इस बार दिए जाने वाली मुआवजे की धनराशि सबसे ज्यादा होगी
द इकोनॉमिक टाइम्स की खबरों के अनुसार, बीते दिनों बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया था। इसके उपरांत मंत्रिमंडल ने राहत पैकेज की घोषणा की है। फिलहाल, शीघ्र ही
किसानों के खाते में मुआवजा की धनराशि पहुंच जाएगी। इसके लिए किसानों को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। साथ ही, गुजरात सरकार ने यह दावा किया है, कि इस बार दी जाने वाली राहत धनराशि अब तक की सर्वोच्च सहायता राशि होगी।
इन जनपदों के किसानों को मिलेगी मुआवजे की सहायक धनराशि
गुजरात सरकार द्वारा कुछ जनपदों की सूचि पेश की गई है। जिनको फसलीय क्षति होने की वजह से मुआवजा देने की कवायद की जा रही है। सरकार के अनुसार, राहत पैकेज का लाभ केवल 13 प्रभावित जनपद के किसानों को ही होगा। इन जनपदों में पाटन, साबरकांठा, सूरत, कच्छ, अमरेली, जामनगर, भावनगर, अहमदाबाद, जूनागढ़, राजकोट, बनासकांठा, अरवल्ली और तापी का नाम शम्मिलित है। विशेष बात यह है, कि इन जनपदों में फसल क्षति का आकलन करने के लिए गिरदावरी का कार्य कर लिया गया है।
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मुआवजे के अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी
ऐसे किसानों की फसल 33 फीसद या उससे ज्यादा खराब हुई है, उनको राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त भी उन किसानों को वित्तीय मदद भी प्रदान की जाएगी। विशेष बात यह है, कि सरसों, गेहूं, पपीता, केला और चना जैसी फसलों के लिए किसानों को एसडीआरएफ 13,500 रुपये की सहायता धनराशि प्रदान करेगा। साथ ही, प्रदेश सरकार भी 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को अलग से सहायता प्रदान करेगी।
सरकार किसानों को कितने रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा देगी
जानकारी के लिए बतादें, कि ज्यादा से ज्यादा 2 हेक्टेयर जमीन के लिए ही किसानों को मुआवजा धनराशि प्रदान की जाएगी। इसका अर्थ यह हुआ है, कि जिन किसानों की 10 हेक्टेयर में लगी फसल को हानि पहुंची है। उनको भी दो हेक्टयेर के लिए ही मुआवजा धनराशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, अमरुद, नींबू और
आम की खेती करने वाले कृषकों को 30600 रुपये प्रति हेक्टेयर के अनुरूप मुआवजा प्रदान किया जाएगा।