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ये राज्य सरकार दे रही है पशुओं की खरीद पर भारी सब्सिडी, महिलाओं को 90% तक मिल सकता है अनुदान

Published on: 03-Oct-2022

सरकार के आंकड़े बताते हैं कि पशुपालन का व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों में काफी फल फूल रहा है क्योंकि भारत के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन के व्यवसाय के लिए ज्यादातर सुविधाएं प्राकृतिक रूप से मौजूद होती है। इसलिए यह व्यवसाय ग्रामीणों की दशा और दिशा दोनों को बदल रहा है। गावों में अब लोग दूध के साथ विभिन्न चीजों की प्राप्ति के लिए पशुपालन करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि सरकार भी अब पशुपालकों और किसानों को पशुपालन में मदद करने लगी है ताकि लोग इस व्यवसाय की तरफ ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हों। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई तरह की योजनाएं चलाई हैं, यह व्यवसाय छोटे और मध्यम किसानों के लिए उनकी आमदनी बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ है। केंद्र सरकारों के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अब इस दिशा में प्रयास कर रही हैं ताकि ग्रामीण किसानों और पशुपालकों को आर्थिक मजबूती प्रदान की जा सके। इसको देखते हुए झारखण्ड की सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन योजना (Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand) शुरू की है, इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों और किसानों को पशुओं की खरीद पर 75 से लेकर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस सब्सिडी से निश्चित तौर पर गावों के निचले तबके के लोगों को लाभ होने वाला है।

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गाय-भैंस की खरीद पर इस प्रकार से सब्सिडी देती है सरकार

झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत आपदा, आगजनी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को सरकार गाय-भैंस खरीदने में सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे वो कुछ कमाई कर पाएं और अपना जीवन यापन कर पाएं। इसके तहत इन लोगों को सरकार 2 गाय या 2 भैंस खरीदने के लिए 90% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। इसके पहले इन पात्र लोगों को मात्र 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन राज्य सरकार ने अब इसे बढ़ा दिया है।

गाय-भैंस के अतिरिक्त इन पशुओं की खरीद पर भी सब्सिडी देती है सरकार

झारखंड के पशुपालन निदेशालय के अनुसार, राज्य के लोगों को सरकार बकरी पालन, सूअर पालन, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट पालन, ब्रायलर कुक्कुट पालन (ब्रायलर मुर्गी पालन) और बत्तख चूजा पालन के लिए 75% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। पहले यह सब्सिडी 50% दी जाती थी, लेकिन अब इसमें 25% की वृद्धि कर दी गई है।

मिनी डेयरी के लिए भी मिलेगा अनुदान

राज्य में कोई भी किसान या पशुपालक यदि 5 दुधारू गाय/भैंस या 10 गाय/भैंस के साथ मिनी डेयरी खोलना चाहता है, तो उसे कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत अनुदान प्रदान किया जाएगा। मिनी डेयरी खोलने के लिए सरकार सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लोगों को अब 50 प्रतिशत तक का अनुदान देगी। पहले यह राशि मात्र 25 प्रतिशत थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। साथ ही यदि कोई अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का किसान या पशुपालक मिनी डेयरी खोलना चाहता है, तो उसे सरकार अब 75 प्रतिशत की राशि सब्सिडी के रूप में देगी। पहले यह राशि 33.33 प्रतिशत थी।

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चैफ कटर का वितरण पर भी मिलेगा किसानों को अनुदान

पशुओं के लिए किसान अच्छे से अच्छे चारे का प्रबंध कर पाएं, इसको देखते हुए सरकार ने चारा/घास काटने वाली मशीन यानि चाफ कटर (Chaff cutter) का वितरण पर भी सब्सिडी प्रदान करने का निश्चय किया है। इसके वितरण में सरकार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। वहीं अन्य वर्गों के किसानों के लिए सरकार हस्तचालित चैफ कटर का वितरण योजना के अंतर्गत 75% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।

डेयरी प्रोसेसिंग के लिए भी अनुदान देगी झारखंड सरकार

ऐसे किसान जो पशुपालन के साथ ही डेयरी प्रोसेसिंग यानि दुग्ध प्रसंस्करण के धंधे में उतरना चाहते हैं, उनके लिए भी झारखण्ड सरकार अनुदान प्रदान करने जा रही है। यह अनुदान मिल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट आदि की खरीद पर दिया जाएगा। डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए राज्य सरकार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों और दुग्ध उत्पादक समितियों के मालिकों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी की सुविधा देगी। जबकि सामान्य, पिछड़ा, महिला और अन्य सभी वर्ग के पशुपालकों और दुग्ध उत्पादक समितियों के मालिकों को सरकार 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध करवाएगी।

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