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आजकल की विनाशकारी वर्षा भारतीय किसानों के लिए आपदा का कारण बनी

Published on: 19-Sep-2024
Updated on: 19-Sep-2024

इस वर्ष खरीफ सीजन में विनाशकारी वर्षा चल रही है, जिसने भारत की धान की फसलों पर कहर बरपाया है।

लगातार तीन सप्ताह से, किसान निराशा में देखते रहे कि उनकी फसलें गिर गईं, जमीन पर गीली हो गईं और पानी में डूब गईं।

इससे भी बदतर यह है कि इन क्षतिग्रस्त फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कवर नहीं किया गया है, जिससे किसान असुरक्षित हैं।

परिणाम बहुत गंभीर हैं

  • भूमि स्वामित्व तेजी से हाथों में बदल रहा है।
  • शौकिया किसानों की संख्या बढ़ रही है।
  • पारिवारिक किसान अपनी पुश्तैनी जमीन बेचने को मजबूर हैं।

भारत के कृषि क्षेत्र पर प्रभाव चिंताजनक है, जिससे लाखों किसानों की आजीविका और देश की खाद्य सुरक्षा को खतरा है।

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मुख्य चिंताएँ

  1. फसल बीमा अंतराल: PMFBY की सीमाएँ किसानों को असुरक्षित बनाती हैं।
  2. जलवायु परिवर्तन: अप्रत्याशित मौसम पैटर्न फसल क्षति को बढ़ाता है।
  3. कृषि स्थिरता: छोटे पैमाने के किसान अपनी स्थिति सुधारने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इन मुद्दों को हल करने, प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करने और भारत के कृषि क्षेत्र की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

लेखक,

डॉ वीरेन्द्र सिंह गहलान,

भैषज्य उत्पादक कृषि विज्ञानी

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