किसान भाई बेहद समस्याओं का सामना करते हैं। कभी प्राकृतिक आपदाएं तो कभी निराश्रित पशुओं से होने वाली हानि तो कभी फसल का समुचित मूल्य ना मिल पाना। किसान हमेशा चुनौतियों से घिरे रहते हैं। साथ ही, हमारे किसान भाई फसल उत्पादन करने से पूर्व किस फसल का चयन करें और किस फसल का नहीं उनको इस बात की जानकारी का अभाव होता है। इसलिए, आज भी किसान भाई परंपरागत तरीके से कृषि करने में अधिक विश्वास रखते हैं। भूमिगत तौर पर किसान फसल वहां की मृदा और जलवायु के अनुरूप उगाते हैं। लेकिन फायदेमंद और लाभकारी विकल्प को चुनने में मात खा जाते हैं। यूँ तो भारत में बहुत सी अनुपयोगी चीजों का भी विपणन कर किसान भाइयों को गुमराह किया जाता है। लेकिन कुछ फसलें ऐसी भी हैं जिनका उत्पादन समय की मांग के अनुरूप किया जाए तो किसान अच्छी आय कर सकते हैं। किसानों को अगर सुखी और समृद्ध बनना है, तो उनको काफी सजग और जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है। किसानों की दयनीय स्थिति को देखकर मेरीखेती टीम को काफी हमदर्दी होती है। आजकल किसान सड़कों पर ज्यादा खेत में कम दिखाई देता है, कभी फसल हानि के मुआवजे की गुहार करने तो कभी फसल के समुचित न्यूनतम समर्थन मूल्य की माँग के लिए किसान सड़कों पर मायूस घूमता रहता है। किसानों को अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के संपर्क में रहने की आवश्यकता है। क्योंकि कृषि के क्षेत्र में शोधकर्ता और जानकारों को काफी अनुभव होता है। इस बात के बहुत से प्रमाण भी हैं, कि कृषि वैज्ञानिकों की सलाहनुसार किसानों ने खेती करके अच्छी आय और पैदावार हांसिल की है। इनकी सलाह से खेती करने वाले किसान काफी फायदे में रहते हैं। क्योंकि इनको कृषि क्षेत्र के विषय में काफी जानकारी होती है। तो मानी सी बात है, कि किसानों को इससे काफी लाभ मिलेगा।