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इस फल के उत्पादन से होगा बेहद मुनाफा रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाये

Published on: 23-Nov-2022

बीमारियों के दौरान कीवी(Kiwifruit or Chinese gooseberry) ही ऐसा फल है, रोग प्रतिरोधक काफी सुद्रढ़ बनाया है। इस फल को जानवरों से भी कोई हानि नहीं होती। कीवी की फसल के माध्यम से किसान अधिकतर वर्षों तक फायदा उठा सकते हैं। मौसम परिवर्तन की वजह से सेहत काफी दुष्प्रभावित होती है व लोग अतिशीघ्र ही रोगग्रस्त हो जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कमजोर हो चुकी है कि आज औषधियों की सहायता लिए बिना स्वास्थ्य को अच्छा और संतुलित रखना बेहद कठिन हो गया है। इसी कारण से बाजार में अब फलों की मांग में वृद्धि हो रही है। अन्य फलों की अपेक्षाकृत कीवी के फल की मांग बाजार में अत्यधिक बढ़ गयी है जो किसान और लोगों के लिए एक सही संकेत है। कीवी की मांग में बढ़ोत्तरी के मध्य इसकी बागवानी एवं कृषि व्यापार करके किसान बेहतरीन लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विशेष बात यह है कि कीवी की बागवानी करने हेतु अत्यधिक व्यय वहन नहीं करना होगा, क्योंकि राष्ट्रीय बागवानी मिशन स्कीम (National Horticulture Mission) एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 10 लाख तक का अनुदान, प्रशिक्षण व कर्ज की सुविधा भी दी जाएगी। अब बात करते हैं व्यवसाय से होने वाले लाभ एवं तरीकों के बारे में।

 

कीवी के फल से क्या क्या लाभ हैं

कीवी का रंग एवं केश के प्रकार बाहरी सतह भी आकर्षण का कारण बनी हुई है। कीवी के फल में विटामिन-ई, विटामिन-के, विटामिन-सी व पोटैशियम की प्रचूर मात्रा होती है। ये पोटैशियम व फोलेट जैसे पोषक तत्वों का भी बेहतरीन स्रोत है। कीवी के फल का स्वाद खट्टा व मीठा पाया जाता है। कीवी के उपयोग के द्वारा स्वास्थ्य की रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है। यह स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों से लड़ने में काफी सहायक साबित होता है। कीवी का फल विशेष रूप से होने वाले किसी भी रोगों के संक्रमण, मलेरिया व डेंगू जैसे खतरनाक रोगों से लड़ने में बेहद सहायक साबित होता है। 

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इस क्षेत्रों में कीवी आसानी से होता है

कीवी का फल मुख्य रूप से चीन में होता है, चीन के कीवी के फल को विश्वभर में अलग ही ख्याति प्राप्त हुई है। हालाँकि, कीवी के भाव थोड़ा अधिक है , लेकिन इससे कीवी की मांग एवं खपत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मिट्टी व जलवायु के अनुरूप हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश मेघालय, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तरप्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में कीवी की फसल एवं इसका प्रोसेसिंग व्यवसाय कर सकते हैं। कश्मीर से लेकर हिमाचल तक इसका प्रचार प्रसार है।

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