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भूमि विकास, जुताई और बीज बोने की तैयारी के लिए उपकरण

Published on: 29-Apr-2022

आइए जानते हैं कि भूमि का विकास किस तरह से किया जाता हैं और भूमि विकास पूर्ण हो जाने के जुताई और बीज बोने के क्या तरीके हैं। 

जुताई और बीज बोने की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहें। आइये जानें भूमि विकास, जुताई और बीज बोने की तैयारी के लिए उपकरण और आधुनिक कृषि यंत्र

बीज बोने के तरीके

बुवाई का क्या अर्थ होता है, मिट्टी की विशेष गहराई को प्राप्त करने के बाद अच्छे अंकुरण बीजों को बोने की क्रिया को बुवाई कहते हैं। कृषि क्षेत्र में बुवाई का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। 

बीच होने से पहले भूमि को अच्छी तरह से समतल किया जाता है।ताकि बीज बोने के टाइम जमीन उथल-पुथल या उसके कण भूमि में ना रह जाए।भूमि में बीज डालने के बाद बीज की दूरी को ध्यान में रखना आवश्यक होता है इससे अंकुरण अच्छे से फूट सके।

भूमि विकास के लिए भूमि की जुताई

किसी भी फसल की बुआई के लिए जुताई सबसे पहला कदम होती है। मिट्टी को उल्टा पुल्टा कर थोड़ा ढीला करा जाता है।जिससे पौधों और पोषक तत्वों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। 

जुताई के द्वारा रोपाई में बहुत ही मदद मिलती है और अंकुरण आसानी से भूमि में प्रवेश कर लेते हैं।मिट्टी ढीला करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है।कि मिट्टी को ढीला करने से इनमें मौजूद रोगाणुओं और केंचुओं के विकास में बहुत ही आसानी होती है।

जिससे फसलों को उच्च कोटि का लाभ पहुंचता है। साथ ही साथ यह जुताई खरपतवार आदि में भी काफी सहायता देती है।जुताई के द्वारा मिट्टी पोषक तत्वों से पूरी तरह से भरपूर बनाई जाती है। 

सभी किसान, कृषि फसलों की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करना अनिवार्य समझते हैं।कभी-कभी जुताई  फसलों के आधार पर भी की जाती है। की फसल किस तरह की है ,और उसे कितने तरह की जताई की जरूरत है किन स्थितियों में।

किसान अपनी भूमि की जुताई के लिए कल्टीवेटर , कुदाल, हल आदि उपकरणों का प्रयोग करते हैं।कभी-कभी मिट्टी काफी कठोर हो जाती है और फसलों की जुताई करने के लिए हैरो का इस्तेमाल भी किया जाता है। जिसके बाद जुताई के बाद भी कई प्रकार के जुताई की जाती है।

बुवाई के लिए भूमि को समतल करना

किसान खेतों की जुताई के बाद जो दूसरी क्रिया करते हैं वह भूमि समतल है। समतल यानी भूमि को एक समान करना होता है हल यह किसी भी अन्य उपकरणों के द्वारा। भूमि समतल विभिन्न विभिन्न समय पर फसलों के आधार पर बदलता रहता है। 

किसान समतल के लिए खेतों में मेड, खांचे या अन्य प्रकार की क्रिया को शामिल किए रहते हैं। जो विशिष्ट फसलों के लिए बहुत ही आवश्यक होती हैं। भूमि समतल करने से फसलों में सिंचाई काफी आसानी से हो जाती हैं। 

पौधों को अच्छी तरह से पानी की प्राप्ति हो जाती है पौधों के पनपने और पूर्ण रूप से उत्पादन करने के लिए। भूमि समतल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण यानी लेवलर का इस्तेमाल किया जाता है। लेवलर उपकरण का इस्तेमाल कर भूमि को समतल किया जाता है। 

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खाद का चयन करना

बुवाई के बाद खाद के रूप में गाय की गोबर, नीम के अर्क, केचुआ सिंथेटिक उर्वरकों आदि जैसे जैविक संशोधनों का उपयोग किया जाता है। 

खेतों में मिट्टी की खाद डालने से पहले उसका अच्छी प्रकार से परीक्षण कर लेना चाहिए ,ताकि किसी भी प्रकार से फसलों को हानि ना हो, और मिट्टियों में मौजूद पोषक तत्व और खनिजों की उचित मात्रा की उपलब्धता पूर्ण रूप से सुनिश्चित हो। कुछ प्राकृतिक संशोधन के बाद हमें मिट्टी में खाद मिलानी चाहिए। 

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बीज बोने के एक प्रसारण तरीके

किसान भाई आसान तरीके से बीज बोने का प्रसारण करते हैं। खेतों में बीजों को बेहतरीन ढंग से तैयार कर लिया जाता है और अपने हाथों से भूमि पर बीजों को फेंकना शुरू कर दिया जाता हैं। 

आप हाथ या किसी अन्य उपकरण के द्वारा भी बीज को खेतों में फेंक सकते हैं।  बीज बोने से पहले बीजों का अच्छे से चयन कर लेना चाहिए। कि बीज भूमि के लिए उचित है या नहीं।बीजो को अच्छी तरह से खेतों में बिखेर देना चाहिए।

बीज बोने के लिए डिब्लिंग का इस्तेमाल

खेतों में आसानी से बीज बोने के लिए आजकल किसान भाई डिब्लिंग का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इस उपकरण के जरिए बीजों को डिब्बलर में रखा जाता है। डिब्बलर के निचले हिस्से पर एक छेद होता है जो बीज रखने के लिए उपयोग किया जाता है। 

डिब्बलरों को कोई भी कुशल किसान या श्रमिक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक शंक्वाकार कहने वाला यंत्र है। यह खेतों के बीच, बीज बोने के लिए खेतों में छेद करता है और अंकुरित बीजों को विकसित करता है।

डिब्लिंग विधि का इस्तेमाल कर समय की काफी बचत होती है। डिब्लिंग विधि का इस्तेमाल किसान ज्यादातर सब्जियों की फसल बोने तथा अन्य फसलों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं।

बीज बोने के लिए उपकरण

किसान बीज बोने के लिए अपना आसान और पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल करते हैं,जैसे कि अपने हल के पीछे बीजों को गिराते रहते हैं भूमियों पर या आसान हल उपकरण का इस्तेमाल हैं बीज बोने के लिए। 

इनका उपयोग ज्यादातर गेहूं, चना ,मक्का जौ आदि बीजों की बुवाई करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में किसान भूमि को हल द्वारा गहराई करता है ,और उसके पीछे दूसरा व्यक्ति बीजों को खेतों डालता रहता है। इस क्रिया से समय की बहुत हानि होती है।

भूमि विकास के लिए पशु चालित पटेला हैरो उपकरण का इस्तेमाल

पशु चालित पटेला हैरो की लंबाई लगभग 1.50 मीटर और मोटाई कम से कम 10 सेंटीमीटर होती है।पशु चालित पटेला हैरो लकड़ी का बना  हुआ उपकरण होता है। 

इस उपकरण से किसानों को बहुत ही सहायता मिलती है ,क्योंकि इसकी ऊपरी सतह पर घुमावदार हुक बंधा रहता है जो मिट्टियों को उपर नीचे करने में सहायक होता है। 

तथा इस उपकरण के जरिए मिट्टी में भुरभुरा पन आ जाता है।इसका मुख्य कार्य फसल के टूठ, वह इक्कट्ठा करना और खरपतवार को मिट्टी से अलग करना होता है।

पटेला 30 किसानों का कार्य करता है, इसके द्वारा 58 प्रतिशत संचालन में लगने वाले खर्चों की बचत होती है। तथा भूमि उपज में 3 से 4% की बढ़ोतरी होती है।

ब्लेड हैरो उपकरण का इस्तेमाल

या उपकरण स्टील का बना हुआ होता हैं, इसका मुख्य कार्य खरपतवार निकालने के लिए होता है। इस उपकरण में लगे ब्लेड के जरिए खरपतवार आसानी से निकाले जाते हैं। तथा इस उपकरण में लोहे के बड़े बड़े कांटे भी लगे होते। 

इस यंत्र को चलाने के लिए हरिस वह हत्था लगा हुआ होता है। यह यंत्र पूर्ण रूप से स्टील का बना हुआ होता है। इस उपकरण की मदद से किसान मूंगफली आलू आदि फसल की खुदाई भी कर सकते हैं। 

इस यंत्र के द्वारा किसानों को कम से कम 24 मजदूरों की बचत होती हैं और 15% जो खर्च संचालन में लगता है उसकी भी बचत होती है। 3 से  4% फसल उपजाऊ में काफी बढ़ोतरी भी होती है।

ट्रैक्टर चालित मिटटी पलट हल का इस्तेमाल

ट्रैक्टर चालित मिटटी पलट हल स्टील का बना हुआ होता है। इसका जो भाग होता है वो फार,मोल्ड बोर्ड, हरिस , भूमि पार्श्व  वह (लैंड साइड), हल मूल (फ्राग) आदि का होता है। 

इस उपकरण की सहायता से मिट्टी जितने भी सख्त हो, उसको तोड़ा जा सकता है। यह हल सख्त से सख्त मिट्टी को तोड़ने में सक्षम हैं।

यह हल कम से कम 40 से लेकर 50% मजदूरों का काम अकेले करता है। इसकी सहायता से 30% संचालन का खर्चा बचता है। इस हल की सहायता से किसानों को कम से कम 4 से 5% की उच्च कोटि की खेती की प्राप्ति होती है। 

यह हल की जुताई की गहराई का नियंत्रण लगभग हाइड्रोलिक लीवर या ट्रैक्टर के थ्री प्वाइन्ट लिंकेज से किया जाता हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी इस पोस्ट के जरिए भूमि विकास, जुताई और बीज बोने की तैयारी के लिए उपकरण व अन्य उपकरणों की पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी। 

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