आजकल देश में देशी फलों के साथ-साथ विदेशी फलों की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि अब देश के किसान विदेशी फलों की खेती की तरफ भी अपना रुझान बढ़ाते जा रहे हैं। जिससे देश के किसान अब स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों की खेती करना प्रारंभ कर चुके हैं। इन फलों की खेती में जहां उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इन फलों की खेती में किसानों को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती। इसी प्रकार का एक फल है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। उस फल का नाम है थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber)। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि यह थाईलैंड में पाया जाने वाला फल है, जिसकी खेती अब भारत सहित कई देशों में की जाने लगी है। यह फल दिखने में सेब की तरह होता है, लेकिन खाने में इसका स्वाद बेर की तरह होता है। साथ ही इस फल में जबरदस्त रोग प्रतिरोधकल क्षमता होती है। यह भी पढ़ें: क्या होता है कस्टर्ड एप्पल (Custard Apple), कैसे की जाती है इसकी खेती बाजार में इस फल की डिमांड को देखते हुए किसान भाई शुरुआत में कम लागत से इस फल की खेती शुरू कर सकते हैं। थाई एप्पल बेर के पौधे लगाने के लिए सबसे पहले भूमि पर गड्ढों की खुदाई की जाती है। ध्यान रहे कि गड्ढों की लंबाई और चौड़ाई 2-2 फीट होनी चाहिए। साथ ही एक गड्ढे की दूसरे गड्ढे से दूरी 5 मीटर होनी चाहिए। गड्ढों की खुदाई करने के बाद कम से कम 25 दिन तक तेज धूप में इन्हें सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके बाद 20-25 किलो जैविक खाद, या सड़ी गोबर की खाद से गड्ढों को भर दिया जाता है। गड्ढों को भरने में नीम की पत्तियों और नीम की खली का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। थाई एप्पल बेर की खेती में कलम विधि का इस्तेमाल किया जाता है। किसान भाई एक बीघा खेत में 80 पौधों की रोपाई बेहद आसानी से कर सकते हैं। रोपाई करते समय ध्यान रखें की हर पेड़ के बीच कम से कम 15 फीट की दूरी अवश्य हो। इसके साथ ही पेड़ों के बीच खाली पड़ी जमीन में किसान भाई किसी भी प्रकार की सब्जियों की खेती कर सकते हैं ताकि किसान भाइयों को कुछ अतिरिक्त आमदनी हो सके। इसकी खेती में मुख्यतः देसी और हाइब्रिड किस्मों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर थाई एप्पल बेर की खेती में इन किस्मों का इस्तेमाल करते हैं पेड़ से 6 माह के भीतर ही 100 किलो तक का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। खेत में एक बार थाई एप्पल बेर के पेड़ को लगाने के बाद किसान भाई अगले 50 साल तक इससे फल प्राप्त सकते हैं और बाजार में महंगे दामों पर बेंचकर मोटी कमाई कर सकते हैं।