Ad

इस राज्य में विगत 15 दिनों में लंपी से 7 हजार पशुओं की हुई मृत्यु

Published on: 10-Dec-2022

महाराष्ट्र राज्य में लंपी स्किन डिजीज (Lumpy skin disease) ने फिर से दस्तक दे दी है, विगत कुछ दिनों में ७ हजार पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में वर्तमान में ९९ फीसद टीकाकरण का कार्य संपन्न हो गया है। प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज की तबाही में कोई कमी नहीं आ रही है। विगत १५ दिनों में ७ हजार से ज्यादा पशुओं की मृत्यु चिंता का विषय है। साथ ही, सरकार का कहना है, कि प्रदेश में ९९.७९ फीसदी टीकाकरण का कार्य संपन्न हो गया है, परंतु इसके उपरांत भी लंपी त्वचा रोग नियंत्रण में नहीं आ पा रहा है। लंपी स्किन डिजीज के बढ़ते संक्रमण से पशुपालक बेहद चिंतित हैं। पशुपालन विभाग इस रोग के रोकथाम का दावा कर रहा है, लेकिन मृत पशुओं की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है। बतादें कि, लंपी स्किन डिजीज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा में दस्तक देने के उपरांत सितंबर माह में महाराष्ट्र में आया था। इस रोग का संक्रमण शुरुआत में प्रदेश के १२ जनपदों में था, उसके बाद २४ फिलहाल प्रदेश के तकरीबन समस्त ३५ जनपदों के पशुपालकों में लंपी स्किन रोग के मामले देखने को मिल रहे हैं। नगर, जलगांव, बुलढाणा, अमरावती, अकोला आदि जिले सर्वाधिक प्रभावित माने जा रहे हैं। किसानों ने बताया है, कि दुग्ध उत्पादन में भी गिरावट आयी है।



ये भी पढ़ें:
महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों को दिया मुआवजा, लगभग 98% हुआ टीकाकरण

किन जनपदों में अनुदान दिया जायेगा

पशुपालन आयुक्तालय के मुताबिक, कुल ३९०८ संक्रमण केंद्रों में लंपी स्किन डिजीज के मामले आए हैं। मध्य सितंबर माह के समय ८९ पशुओं की मृत्यु हुई थी। साथ ही, अब ७५ दिनों के उपरांत प्रदेश में २३ हजार ४९३ पशुओं को लंपी रोग ने मौत के हवाले कर दिया है। पशुपालन आयुक्तालय ने बताया है, कि १० हजार ४५५ पशुपालकों को मरे हुए पशुओं की हानि के मुआवजे के तौर पर २६ करोड़ ६१ लाख रुपये प्रदान किये गए हैं। सर्वाधिक १ हजार ४०३ पशुधन को अमरावती में ३ करोड़ ६५ लाख ६५ हजार रुपये, बुलढाणा जिले में १ हजार २३०, जलगांव जिले में ३ करोड़ १८ लाख १३ हजार रुपये की सहायता दी गई है।


ये भी पढ़ें:
इस प्रकार बचायें अपने पशुओं को आने वाली शीत लहर से

कितना हुआ टीकाकरण

महाराष्ट्र में ३ लाख ३६ हजार ९५८ रोगग्रस्त मवेशिओं में से २ लाख ५५ हजार ५३५ पशु अब तक उपचारोपरांत स्वस्थ हो चुके हैं। साथ ही, इसके अतिरिक्त भी रोगग्रसित मवेशियों का उपचार किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अबतक कुल १ करोड़ ४४ लाख १२ हजार से ज्यादा वैक्सीन की खुराक उपलब्ध की जा चुकी है। उसमें से १ करोड़ ३९ लाख २३ हजार निःशुल्क टीकाकरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा तकरीबन ९९.७९ प्रतिशत है, व्यक्तिगत चरवाहे, निजी संस्थान, सहकारी दुग्ध संघ सभी इस टीकाकरण के अंतर्गत आते हैं।

Ad