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मधुमक्खी पालन के लिए दी जा रही है 75% तक सब्सिडी, जाने किसान कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ

Published on: 15-May-2023

आजकल देश भर में किसान खेती के साथ-साथ कोई ना कोई वैकल्पिक इनकम सोर्स भी रखते हैं ताकि उन्हें खेती के साथ-साथ कुछ अलग से मुनाफा भी होता रहे।  ऐसा ही एक बिजनेस जिसकी तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है वह है मधुमक्खी पालन। बहुत ही राज्य सरकारें किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और इनमें ही एक और सरकार जो इसके लिए बहुत ही बेहतरीन कदम उठा रही है वह है बिहार सरकार.

मधुमक्खी पालन के लिए बिहार सरकार दे रही है सब्सिडी

अगर सब्सिडी की बात की जाए तो बिहार सरकार मधुमक्खी पालन के लिए अच्छी खासी सब्सिडी किसानों को दे रही है.  अगर किसी किसान का रुझान मधुमक्खी पालन की तरह है और वह इसे एक व्यवसाय के तौर पर लेना चाहता है तो बिहार सरकार की तरफ से उसे 75% तक सब्सिडी दी जाएगी. बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए एक परियोजना शुरू की है, जिसे 'बिहार मधुमक्खी विकास नीति' के नाम से जाना जाता है। इस नीति के अंतर्गत, सरकार किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए विभिन्न उपकरणों, जैसे कि मधुमक्खी बक्से, जहाज, रासायनिक उपकरण आदि की आपूर्ति करती है।उदाहरण के लिए अगर आपको यह व्यवसाय शुरू करने में ₹100000 का खर्चा पढ़ रहा था तो इसमें से ₹75000 आपको बिहार सरकार द्वारा दिए जाएंगे.

 क्या है आवेदन करने का तरीका?

आप इस परियोजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.  एक तो आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसके लिए आवेदन दे सकते हैं जहां पर आवेदन कर्ता को कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करने की जरूरत है.  अगर आप यह आवेदन ऑनलाइन नहीं देना चाहते हैं तो आप उद्यान विभाग में जाकर भी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.  यहां पर भी आपको मांगे गए सभी दस्तावेज दिखाने की जरूरत है.  

केंद्र सरकार कैसे कर रही है मदद?

राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार की तरफ से भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं जिससे किसानों को काफी लाभ मिलने वाला है. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन द्वारा शहद की क्वालिटी को चेक करने के लिए प्रशिक्षण प्रयोगशाला और क्षेत्रीय प्रयोगशाला बनाने की परमिशन दी गई है.  इस योजना के तहत 31 मिनी प्रशिक्षण प्रयोग चलाएं और चार क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को बनाने की परमिशन के लिए सरकार द्वारा दे दी गई है.  इसके अलावा जो भी शहर पालन का व्यवसाय की तरह आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उन कृषि उद्यमियों या सभी तरह की स्टार्टअप की भी सरकार के द्वारा मदद की  जाएगी. ये भी पढ़े: मधुमक्खी पालकों के लिए आ रही है बहुत बड़ी खुशखबरी

भारत में क्या है शहद प्रोडक्शन के आंकड़े

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो भारत देश को शहद के उत्पादन का एक हग माना गया है और यहां पर सालाना कई लाख टर्न शहद का प्रोडक्शन हो रहा है. वर्ष 2021-22 के आंकड़ों को ही देखें तो देश में इस समय 1,33,000 मीट्रिक टन (एमटी) शहद का उत्पादन हो रहा है. इसके अलावा भारत में उत्पादित किया हुआ शहद विश्व के कई देशों में भी निर्यात किया जाता है.

क्या है मधुमक्खी पालन के मुख्य लाभ?

मधुमक्खी पालन के कुछ मुख्य लाभ हैं:

अतिरिक्त आय: मधुमक्खी पालन से किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। मधुमक्खी से निर्मित शहद, मधुमक्खी की चारा और मधुमक्खी की बीज से कमाई होती है। स्थान संरक्षण: मधुमक्खी पालन एक स्थान संरक्षण व्यवसाय है। मधुमक्खी के बीज से पौधे उगाए जाते हैं जो वनों के बीच रखे जा सकते हैं तथा वनों को संभाला जा सकता है। पर्यावरण के लिए फायदेमंद: मधुमक्खी पालन पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। मधुमक्खी नेक्टार उत्पादन करती है जो न केवल शहद के रूप में उपयोग किया जाता है बल्कि भी नेक्टार जैसी जड़ी बूटियों और औषधि के उत्पादन में भी उपयोग किया जाता है। जीवन की गुणवत्ता में सुधार: मधुमक्खी नेक्टार से उत्पन्न शहद एक स्वस्थ और गुणवत्ता वाला प्राकृतिक खाद है। इससे कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ती है और यह खाद पौधों के विकास के लिए भी यह उपयोगी है.

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