मध्य प्रदेश सरकार ने लंपी रोग को लेकर जारी की एडवाइजरी

Published on: 13-Sep-2022
Updated on: 31-Dec-2024
मध्य प्रदेश सरकार ने लंपी रोग को लेकर जारी की एडवाइजरी
समाचार किसान-समाचार

डॉ. आर.के. मेहिया ने बताया कि शासन और प्रशासन की लगातार सतर्कता और ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश से लम्पी (LSD – Lumpy Skin Disease) प्रकरणों में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि संतोष की बात है कि प्रकरण बढ़े नहीं है, कुछ हद तक घटे हैं। प्रदेश में लम्पी के विरूद्ध अब तक एक लाख 2 हजार से अधिक गौ-वंश का टीकाकरण किया जा चुका है।

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लंपी स्किन बीमारी से बचाव के लिए राजस्थान सरकार ने जारी किए 30 करोड़ रुपये डॉ. मेहिया ने बताया कि लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पशुपालन विभाग के संभागीय और जिला स्तरीय अधिकारी और लैब प्रभारी को विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। स्थिति की लगातार समीक्षा कर गौ-वंश में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, निदान और उपचार जारी है।

लक्षण एवं सुझाव

लम्पी रोग से पशुओं को शुरू में बुखार आता है और वे चारा खाना बंद कर देते हैं। इसके बाद चमड़ी पर गाँठें दिखाई देने लगती है, पशु थका हुआ और सुस्त दिखाई देता है, नाक से पानी बहना एवं लंगड़ा कर चलता है। यह लक्षण दिखाई देने पर पशुपालक तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु औषधालय से संपर्क कर बीमार पशुओं का उपचार कराएँ। पशु सामान्यत: 10 से 12 दिन में स्वस्थ हो जाता है।

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क्या करें, क्या न करें

संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करें। पशु चिकित्सक से तत्काल उपचार आरंभ कराएँ। संक्रमित क्षेत्र के बाजार में पशु बिक्री, पशु प्रदर्शनी, पशु संबंधी खेल आदि पूर्णत: प्रतिबंधित करें। संक्रमित पशु प्रक्षेत्र, घर, गौ-शाला आदि जगहों पर साफ-सफाई, जीवाणु एवं विशाणु नाशक रसायनों का प्रयोग करें। पशुओं के शरीर पर होने वाले परजीवी जैसे- किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करें। स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराएँ और पशु चिकित्सक को आवश्यक सहयोग भी करें।