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महाराष्ट्र में फसलों पर कीटों का प्रकोप, खरीफ की फसल हो रही बर्बाद

Published on: 27-Aug-2022

महाराष्ट्र में किसान अक्सर बारिश से परेशान रहते हैं लेकिन इस बार परेशानी उससे भी ज्यादा गंभीर है। दरअसल, उनकी खरीफ की फसल पर कीटों ने हमला बोल दिया है, जिसकी वजह से खड़ी फसल में भारी नुकसान हो रहा है। इस साल फसल सीजन की शुरुआत ही महाराष्ट्र के किसानों के लिए किसी बुरे सपने की तरह हुई। पहले काफी दिन तक बारिश नहीं हुई, लेकिन जब बारिश हुई तो मूसलाधार हुई और फसलें पानी में डूब गईं। अब अगस्त के महीने में जाकर बारिश हल्की हो रही है जिसके चलते कृषि कार्यों में तेजी तो आई है, लेकिन फसल बेहतर कैसे तैयार हो, इसको लेकर किसान जूझ रहे हैं।

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पंजाबः पिंक बॉलवर्म, मौसम से नुकसान, विभागीय उदासीनता, फसल विविधीकरण से दूरी बारिश के बाद से पर्यावरण में तेजी से बदलाव देखने को मिला है, जिसकी वजह से फसलों पर तरह-तरह के कीट लग रहे हैं और उन्हें जमकर नुकसान हो रहा है। इस तरह का कीट का मामला सामने आया है जो फसलों का रस चूस लेता है और उन्हें सुखा देता है। ऐसे में भले ही अब बारिश का खतरा टल गया हो, लेकिन कीट लगने की वजह से उत्पादन पर असर पड़ने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। पिछले साल कपास का रेट किसानों को अच्छा मिला था इसलिए महाराष्ट्र के कई इलाकों में कपास की जमकर बुवाई की गई है। ऐसे में किसान सोच रहे थे कि उत्पादन बढ़िया होगा तो उनके हालात सुधर जाएंगे, लेकिन कीटों के हमले के चलते ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। किसानों का कहना है कि जब फसलें छोटी थीं जब कीटों ने हमला नहीं किया, बल्कि जैसे-जैसे फसलें बढ़ती गईं कीटों ने हमला करना शुरू कर दिया।

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कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से खतरा, कृषि विभाग ने जारी किया अलर्ट राज्य में जून के महीने में बिल्कुल बारिश नहीं हुई थी। इसके बाद जुलाई के महीने से लेकर 15 अगस्त तक मूसलाधार बारिश हुई। आलम यह है कि इस बारिश के चलते कई खेतों में जलभराव हो गया। अब जहां जलभराव हुआ है वहां फफूंद या कवक रोग फैल रहे हैं, जिसके चलते फसलें बढ़ नहीं रही हैं। पहले बारिश का असर फसलों पर हुआ था, लेकिन अब बदलते पर्यावरण का असर साफ दिख रहा है। जिन क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है वहां रस चूसने वाले कीड़े फसलों पर कहर बरपा रहे हैं। ये कीड़े रस चूस रहे हैं जिसके चलते कपास की पत्तियां लाल होकर गिर जाती हैं। इस कपास की बुवाई मई में की गई थी, जो अब अपने शबाब पर थी, लेकिन संक्रमण इतना खतरनाक है कि फूल मर रहे हैं। अब किसानों ने भी इन कीड़ों से निपटने के लिए कमर कस ली है और उनके द्वारा कैमिकल और उर्वरकों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि इन कीड़ों को खत्म किया जा सके। लेकिन कामयाबी पूरी तरह इसमें भी अब तक नहीं मिल पाई है। किसानों को कीटों से कैसे लड़ा जाए इसके लेकर बहुत थोड़ी जानकारी होती है। ऐसे में अगर कृषि विभाग अपनी तरफ से कोई पहल करे तो राज्य के किसानों का भला हो जाएगा और वे अपनी फसलों को बचा पाएंगे।

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