महाराष्ट्र के नांदेड़ जनपद में मूसलाधार बारिश के कहर से करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि में सोयाबीन की फसल नष्ट हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में मिलने वाली आर्थिक सहायता में विलंब होने के चलते किसानों को रबी सीजन की फसलों की बुवाई करने हेतु आर्थिक संकटों से जूझना पड़ रहा है। किसान इधर उधर से कर्ज लेकर रबी सीजन की बुवाई हेतु खाद एवं बीज की व्यवस्था कर रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जनपद में पुनः अत्यधिक बरसात से किसान गंभीर रूप से प्रभावित हो चुके हैं। किसानों की पकी पकायी फसल बर्बाद चुकी है।
किसानों द्वारा बताया गया है कि महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। साथ ही, रबी सीजन का समय भी आरम्भ हो चुका है। इस वजह से उनको बेहद आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में रबी फसलों की बुवाई करना किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण है। राज्य के कुछ जनपदों में अब तक फसलों में हुई बर्बादी का पंचनामा भी नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र के भंडारा जनपद में तो मजबूरी में किसान धान को बेहद न्यूनतम भाव में बेच रबी सीजन की फसलों की बुवाई हेतु बीज खरीद रहे हैं। बतादें कि मराठवाड़ा में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है। मराठवाड़ा के किसान पूर्णतया सोयाबीन की फसल पर निर्भर रहते हैं।
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