सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने की वजह से मकर संक्रान्ति मनायी जाती है। साथ ही, इसी दौरान शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। मकर संक्रान्ति वाले दिन गंगा में स्नान व दान पुण्य जैसे कार्य करना बहुत अच्छे माने जाते हैं। मकर संक्रान्ति में इस बार रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग एवं आनंदादि योग बन रहे हैं। इस वजह से यह मकर संक्रान्ति विशेष रहेगी। हिंदू धर्म में मकर संक्रान्ति पर्व अपना एक अहम महत्व रखता है। इस पर्व पर लोग घी, कंबल, गुड़ के दान गंगा स्नान, खिचड़ी, गर्म वस्त्र, तिल, चावल और भगवान के दर्शन से सुख-समृद्धि संपदा अर्जित करते हैं। इस बार मकर संक्रान्ति का पर्व 14 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार मकर राशि में सूर्य के दाखिल होने के समय सूर्यदेव की पूजा काफी फलदायक साबित होती है। मकर संक्रान्ति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए हम इस पर्व को मकर संक्रान्ति के नाम से मनाते हैं। इस दिन को बहुत ज्यादा पावन माना जाता है। क्योंकि इस दिन से खरमास का समापन होता है, इसके बाद मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। 14 जनवरी के दिन ही प्रातः करीब आठ बजकर दस मिनट से पुण्य काल शुरू हो जाएगा। मकर संक्रान्ति पर रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग बन रहे हैं, जिसको बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है, कि रोहणी नक्षत्र में दान-पुण्य करने से यश प्राप्ति की जा सकती है और कष्ट एवं दुखों का समापन होता है।