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केंद्र सरकार ने धान सहित इन फसलों की एमएसपी में की बढ़ोत्तरी

Published on: 11-Jun-2023

धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 143 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि की गई है। इसी प्रकार तुअर एवं उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी काफी ज्यादा इजाफा हुआ है। मानसून के आने से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा उपहार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा धान समेत विभिन्न फसलों की एमएसपी बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार, धान की एमएसपी में 143 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इजाफा किया गया है। इसी प्रकार तुअर एवं उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी खूब वृद्धि की गई है। साथ ही, इस खबर से किसानों के मध्य खुशी की लहर दौड़ रही है। किसानों ने केंद्र सरकार के इस कदम की काफी सराहना की है।

केंद्र सरकार ने धान सहित दलहन की एमएसपी में किया इजाफा

कैबिनेट बैठक के पश्चात मोदी सरकार ने धान के साथ- साथ दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की स्वीकृति दी है। विशेष बात यह है, कि खरीफ फसलों की एमएसपी में 3 से 6 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि की गई है। इस तरह अब तुअर दाल का भाव बढ़कर 7000 रुपये क्विंटल तक पहुँच चुका है। साथ ही, उड़द दाल के न्यूनतम समर्थम मूल्य में 350 रुपये की वृद्धि की गई है। फिलहाल, एक क्विटंल उड़द दाल की कीमत 6950 रुपये हो चुकी है।

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मोटे अनाज की फसलों पर कितने रुपये प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि की गई है

विशेष बात यह है, कि मोटे अनाज की एमएसपी में भी वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने मक्के की एमएसपी में 128 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि की है।

करोड़ों गरीबों को खाद्य उपलब्ध कराया गया है

साथ ही, बैठक के पश्चात मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है, कि खरीफ की पैदावार 2018 में 2850 लाख टन था। जो कि अब बढ़कर 330 मिलियन टन पर पहुँच जाएगा। उनकी माने तो मूंग दाल की एमएसपी में 10% प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। अब मूंग दाल की कीमत 8558 रुपये क्विंटल तक पहुँच गई है। वहीं, सोयाबीन, रागी, ज्वार, बाजारा और मेज की एमएसपी में 6 से 7% प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इसी प्रकार कपास के समर्थन मूल्य में भी 10% प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। विशेष बात यह है, कि सरकार ने फर्टिलाइजर के भाव में किसी प्रकार की बढ़ोत्तरी नहीं की है। सरकार का यह कहना है, कि हमारी सरकार ने 16-17 करोड़ गरीबों को खाद्य उपलब्ध कराया है।

केंद्र सरकार प्रतिवर्ष 23 फसलों के लिए एमएसपी जारी करती है

बतादें, कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर सरकार प्रति वर्ष 23 फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करती है। CACP 23 फसलों पर एमएसपी की सिफारिश लागू करता है। इसके अंतर्गत सात अनाज, सात तिलहन, पांच दलहन और चार कमर्शियल फसलें शम्मिलित हैं। इन 23 फसलों में से 15 खरीफ फसलें हैं और अन्य रबी फसलें हैं।

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पिछले साल बासमती चावल के निर्यात का आंकड़ा क्या था

बतादें, कि धान की एमएसपी में वृद्धि किए जाने से पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत विभिन्न राज्यों के किसानों को मोटा मुनाफा अर्जित होगा। क्योंकि, इन राज्यों में धान का काफी अच्छा उत्पादन होता है। एकमात्र पश्चिम बंगाल 54.34 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करता है, जिससे 146.06 लाख टन धान की पैदावार होती है। विशेष बात यह है, कि भारत सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात करता है। विगत वर्ष भारत ने 24.97 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था।

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