इस राज्य में किसानों को फसल मुआवजा देने 6 जनपदों के लिए 92 करोड़ आवंटित किए गए हैं

Published on: 03-May-2023

बिहार राज्य में मार्च माह के समय हुई बारिश से तकरीबन 54,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को काफी हानि पहुंची है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि रोहतास, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण सहित छह जनपदों में फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। बिहार के किसानों के लिए अच्छा समाचार है। पंजाब-हरियाणा की भांति उन्हें भी फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। बस इसके लिए उनको सहकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर क्लेम करना होगा। फसल सहायता योजना के अंतर्गत किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। साथ ही, इस खबर से किसानों के मध्य खुशी की लहर है। किसानों ने सरकार के इस कदम की खूब सराहना की है। हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार, बिहार के सहकारिता विभाग ने बताया है, कि मार्च महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों को सर्वाधिक हानि पहुंची है। इसके बदले में किसानों को मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। बस इसके लिए किसानों को कलेम करना पड़ेगा। सहकारिता विभाग ने कलेम करने के लिए वेबसाइट पर विंडो खोल दी है। किसानों को 2500 रुपये से लेकर 22500 रुपये तक प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता धनराशि मिल सकती है।

बिहार सरकार ने राज्य स्तर से फसल बीमा योजना का आरंभ किया है

दरअसल, बिहार सरकार की तरफ से राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू नहीं किया गया। इस संदर्भ में नीतीश सरकार का कहना है, कि पीएम फसल बीमा योजना की कवरेज प्रीमियम काफी ज्यादा है। ऐसी स्थिति में समस्त किसान इसका भुगतान करने में असमर्थ हैं। यही वजह है, कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2018 में अपनी फसल बीमा योजना जारी की थी। इस योजना की विशेषता यह है, कि इसके लिए किसान भाइयों को किसी तरह का प्रीमियम नहीं देना पड़ता है। बस किसानों को पंजीकरण करवाना होता है।

किसानों को 20,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी

बतादें, कि मार्च माह में हुई बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि से रबी फसलों के सहित सब्जी या बागवानी फसलों को भी काफी मोटी हानि पहुंची थी। इससे किसान भाइयों को काफी आर्थिक हानि पहुँची है। यही वजह है, कि सरकार को फसल क्षति हेतु मुआवजे की घोषणा करनी पड़ी। सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने बताया है, कि इस बीमा नीति के अंतर्गत किसी भी कारण से फसल क्षतिग्रस्त होने पर किसानों को 20,000 रुपये तक की मौद्रिक मदद प्रदान की जाती है।

किसानों की बारिश से हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसल चौपट

अधिकारियों के अनुसार, इस बार मार्च माह के समय हुई बारिश से तकरीबन 54,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को काफी हानि पहुंची है। इसमें सर्वाधिक प्रभावित होने वाले जनपदों के अंतर्गत रोहतास, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण समेत छह जनपदों में फसलों को काफी हानि पहुंची है। यही वजह है, कि इन 6 जनपदों के किसानों को मुआवजा प्रदान करने के लिए 92 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इन जनपदों से तकरीबन 1.15 लाख किसानों ने फसल मुआवजे के लिए क्लेम किया है, जिसका फिलहाल मूल्यांकन किया जा रहा है। साथ ही, समाचार सामने आया है, कि कृषि विभाग अगले माह तक किसानों के खाते में मुआवजे की धनराशि हस्तांतरित कर सकती है।

राज्य सरकार की तरफ से कृषकों को प्रति एकड़ 22,500 रुपये का मुआवजा मिलेगा

बिहार राज्य में प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल क्षतिग्रस्त होने पर कृषकों को प्रति एकड़ 22,500 रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। साथ ही, सिंचित जमीन पर फसल की हानि के लिए 17,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार असिंचित जमीन के लिए यह आंकड़ा 8,500 रुपये प्रति एकड़ है। विशेष बात यह है, कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा 2 एकड़ भूमि के लिए मुआवजा मिलता है। वहीं, कृषि विभाग ने सिंचित, गैर-सिंचित एवं बहुफसली खेतों के लिए न्यूनतम मुआवजा धनराशि क्रमशः 1,000 रुपये, 2,000 रुपये व 2,500 रुपये तय की गई है।

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