क्या हैं पंढरपुरी भैंस की विशेषताएं, दुग्ध उत्पादन क्षमता व कीमत

Published on: 03-Dec-2023

पंढरपुरी भैंस को विभिन्न नामों से जाना जाता है। ये विशेष तौर पर महाराष्ट्र के क्षेत्रों में पाई जाती हैं। वैसे तो भैंस की इस नस्ल की कई सारी विशेषताएं हैं। परंतु, इसे अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए काफी जाना जाता है। ये भैंस एक दिन के अंदर 15 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है। भारत में गाय के साथ-साथ भैंसों का भी पालन किया जाता है। भैंस के दूध में फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इस वजह से बाजार में इसकी काफी ज्यादा मांग रहती है। वहीं, डेयरी उत्पादों में भी भैंस के दूध का काफी उपयोग किया जाता है। ज्यादा मुनाफे की वजह से विभिन्न डेयरी पालक एवं किसान भैंसों का पालन करते हैं। अब यदि ऐसी स्थिति में आप भी एक भैंस अपने तबेले में लाने की सोच रहे हैं, तो ये खबर अवश्य पढ़ लें। वैसे तो भैंस की समस्त नस्लें ही एक से बढ़कर एक हैं, लेकिन इस लेख में हम आपको एक ऐसी नस्ल से अवगत कराऐंगे, जो कि आपको शानदार मुनाफा प्रदान करेगी। इस भैंस को अपनी दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है। जो कि बाकी भैंसों की तुलना में अधिक दूध देती है। हम भैंस की पंढरपुरी नस्ल की बात कर रहे हैं। 

पंढरपुरी भैंस प्रतिदिन 15 लीटर दूध प्रदान करती है 

पंढरपुरी भैंस की उत्पत्ति महाराष्ट्र के पंढरपुरी इलाके से हुई है। ऐसा कहते हैं, भैंस का नाम पंढरपुर गांव से पड़ा है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद में मौजूद है। इसे पंधारी, महाराष्ट्र भैंस अथवा धारवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि, ये भैंस देश के विभिन्न इलाकों में पाई जाती है। परंतु, महाराष्ट्र में इसका सर्वाधिक पालन किया जाता है। यह भैंस महाराष्ट्र के पंढरपुर, पश्चिम सोलापुर, पूर्व सोलापुर ,बार्शी, अक्कलकोट, सांगोला, मंगलवेड़ा, मिराज, कर्वी, शिरोल और रत्नागिरी जैसे जनपदों में पाई जाती है। इस नस्ल को उसकी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। लेकिन, इसकी सबसे बड़ी विशेषता है, इसके दूध देने की क्षमता। ये भैंस प्रतिदिन 15 लीटर तक दूध दे सकती है। यदि आप भी इस भैंस को आय का एक स्त्रोत बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और विशेषताऐं जान लें। 

ये भी पढ़ें:
भैंस की कालाहांडी नस्ल का पालन कर लाखों की आय की जा सकती है

पंढरपुरी भैंस की पहचान एवं विशेषताएं इस प्रकार हैं 

  • पंढरपुरी भैंस के सींग किसी तलवार की भांति नजर आते हैं। इनकी लंबाई लगभग 45 से 50 सेंटीमीटर तक होती है। सींग सिर से ऊपर की तरफ आते हुए अंदर की ओर मुड़ जाते हैं।
  • इस भैंस का वजन लगभग 450 से 470 किलो के मध्य होता है।
  • पंढरपुरी भैंस हल्के काले रंग अथवा भूरे रंग की होती है। बहुत सारी पंढरपुरी भैंस में सफेद धब्बे भी दिखने को मिल जाते हैं।
  • इस भैंस के बाल चमकदार और मध्यम साइज के होते हैं।
  • इस भैंस का सिर लंबा एवं पतला होता है, जबकि नाक की हड्डी थोड़ी बड़ी होती है। 
  • पंढरपुरी भैंस शरीर ‌से कठोर तथा मजबूत होती है। 
  • पंढरपुरी भैंस की प्रतिदिन दूध देने की क्षमता औसतन 6 से 7 लीटर तक होती है। सही रखरखाव मिलने पर ये रोजाना 15 लीटर तक भी दूध देने की क्षमता रखती है। 


ये भी पढ़ें:
भैंस पालन से भी किसान कमा सकते हैं बड़ा मुनाफा

पंढरपुरी भैंस का प्रतियोगिताओं में भी काफी दबदबा है 

महाराष्ट्र में पंढरपुरी भैंस का पालन केवल दूध के लिए नहीं किया जाता बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में किसान इन्हें इस वजह से भी पालते हैं, ताकि वे रेसिंग तथा बुल फाइटिंग जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकें। ये अत्यंत शांत स्वभाव की होती हैं, इसलिए किसान इन्हें सहजता से पाल सकते हैं। इन्हें अधिकांश क्षेत्रों में पाला जाता है। जहां धान, गन्ना और ज्वार सहजता से उपलब्ध हो सके। यह इनकी मुख्य खुराक में से एक है। इसकी कीमत की बात की जाए तो एक पंढरपुरी भैंस की कीमत लगभग 50 हजार से 2 लाख रुपये के मध्य होती है। यह कीमत क्षेत्र एवं भैंस के दूध देने की क्षमता पर निर्भर करती है।

Ad