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पराली जलायी तो इस राज्य में पी एम किसान सम्मान निधि से होंगे वंचित

Published on: 09-Nov-2022

पराली जलाने (stubble burning) से होने वाले प्रदुषण की वजह से जनजीवन काफी हद तक प्रभावित होता है। लोगों को साँस लेने में बहुत समस्या आती है साथ ही वातावरण भी दूषित होता है। पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदुषण से बचने के लिए सरकार व प्रशासन तरह तरह की कोशिश करते हैं। लेकिन कई प्रयासों के बावजूद भी पराली जलाने के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में पराली जलाने से बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने भी १ हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पराली का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है जिससे किसान पराली को जलाने की जगह, पराली बेचकर आय कर सकें। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पराली जलाने वालों को रोकने के लिए एलान किया है कि जो भी किसान खेतों में पराली जलाते हुए मिला तो उसको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से वंचित कर दिया जायेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है की शीत काल में पराली जलाने के कारण दिल्ली का पर्यावरण तो गंभीर रूप से प्रभावित होता ही है, साथ ही देशभर को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर में पराली जलाने से रोकने के लिए पराली जलाने वाले किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से तो दूर रखा ही जायेगा, साथ ही १ एकड़ भूमि रखने वाले किसान से २५०० रुपए एवं इससे अधिक भूमि वाले किसान से ५००० रुपये लिए जायेंगे। कृषि विभाग डिप्टी डायरेक्टर अरविन्द सिंह ने कहा पराली के मामलों में कमी करने के लिए अब उपग्रह के जरिये नजर रखी जायेगी।

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उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कम मामले सामने आने की मुख्य वजह

सरकार एवं प्रशासन के द्वारा की गयी कड़ाई एवं सख्ती की वजह से पराली जलाने के मामले काफी कम हुए हैं, साथ ही प्रदुषण से भी पहले की अपेक्षा काफी राहत मिली है। जुर्माने के डर की वजह से पराली जलाने के मामलों में गिरावट संभव हो पायी है। किसान पराली जलाते वक्त पकड़े जाने के डर से पराली को नहीं जलाते, जिससे प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। सरकार का कहना है कि किसानों को जुर्माने का भय पराली प्रबंधन के नए तरीकों को भी विकसित कर रहा है, इसके साथ साथ लोगों में इससे होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूक भी हुए हैं।

हरियाणा सरकार की पराली प्रदुषण रोकने की नीति

हरियाणा सरकार द्वारा भी पराली प्रदुषण को रोकने के लिए कृषि उपकरणों पर अनुदान देने के साथ साथ पराली का न्यूतम समर्थन मूल्य भी १ हजार रुपये एकड़ कर दिया गया है। दिल्ली के साथ हरियाणा राज्य पराली से होने वाले प्रदूषण से काफी प्रभावित होता है, इसलिए वह पहले से ही सजग होकर इससे निपटने का हर सम्भव प्रयास करता है। हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली राज्य को काफी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है, क्योंकि हरियाणा दिल्ली से सटा हुआ है। पराली के प्रदूषण से बचाने के लिए देश की सभी राज्य सरकारें भरपूर प्रयास कर रही हैं।

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