दो दिन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने किसानों की चिंता को बेहद बढ़ा दिया है, क्योंकि अत्यधिक बारिश की वजह से किसानों की बाजरे और धान की फसल के साथ साथ अन्य फसल भी बहुत गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। इसमें आगरा, मथुरा, अलीगढ आदि क्षेत्र बेहद संकट से जूझ रहे हैं जहां हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल लगभग ६० से ८० प्रतिशत तक ख़राब हो चुकी है, साथ ही उनके आय का साधन भी जलमग्न हो चुका है।
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मथुरा जिले के हसनपुर ग्राम पंचायत में हरेंद्र चौधरी नामक किसान ने बताया है कि उन्होंने खुद की भूमि के अतिरिक्त १०० बीघे भूमि में धान की फसल उगाई हुई थी, जिसको उन्नत रूप से अर्जित करने के लिए उन्होंने सबसे महंगे व अच्छे उर्वरकों का उपयोग किया। फसल भी अच्छी हुई, लेकिन आकस्मिक भारी बरसात ने उनकी सारी मेहनत और लागत को चौपट कर दिया। हरेंद्र ने आँखों में आंसू लाते हुए मेरीखेती के संवाददाता से कहा कि उन्होंने इस फसल के उत्पादन के लिए कर्ज लेकर बीज, उर्वरक इत्यादि की पूर्ति की थी, अब लागत को भी फसल से निकालना असंभव हो गया है, यह कहकर किसान फूटफूट कर रोने लगा।
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