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बुढ़ापे की लाठी बनेगी पीएम किसान मान धन योजना

Published on: 15-Nov-2019

पीएम किसान मान धन योजना लघु एवं सीमांत किसानों के लिए वृद्धावस्था पेंशन स्कीम है। यह योजना स्वैच्छिक एवं अंशदायी पैंशन स्कीम है। सरकार किसानों की बुढ़ापे की लाठी बनना चाहती है। योजना से जुड़ी प्रक्रिया से संबंधित निर्देश राज्यों के साथ साझा किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत 18 से 40 आयु वर्ग के किसान पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग के देश के प्रत्येक ब्लाक स्तरीय कार्यालय पर संपर्क किया जा सकता है। 

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 इस योजना के माध्यम से 60 साल की आयु के पश्‍चात किसानों को 3000 रुपये प्रति महीने पेंशन देने का प्रावधान है। योजना में किसानों को 55 से 200 रुपये प्रति महीने का योगदान देना होगा। योजना से जुड़ने के समय उनकी आयु के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया जाएगा। किसान द्वारा दी जाने वाली राशि के बराबर की धनराशि का योगदान केन्‍द्र सरकार करेगी। पति और पत्‍नी भी अलग-अलग इस योजना का लाभ उठा  सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम को पेंशन कोष का फंड मैनेजर नियुक्‍त किया गया है। निगम पेंशन भुगतान के लिए जवाबदेह होगा। 

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योजना के योगदान कर्ता की मृत्‍यु होने पर उसकी पति/पत्‍नी शेष योगदान देकर योजना को जारी रख सकते हैं और पेंशन का लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। यदि पति/पत्‍नी योजना को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो ब्‍याज सहित कुल योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। यदि पति या पत्‍नी नहीं हैं तो नामित व्‍यक्ति को ब्‍याज सहित योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। यदि अवकाश प्राप्ति की तारीख के पश्‍चात लाभार्थी की मृत्‍यु हो जाती है तो उसकी पत्‍नी को पेंशन धनराशि का 50 प्रतिशत परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यदि लाभार्थी कम से कम 5 साल तक नियमित योगदान देते हैं और इसके बाद में योजना को छोड़ना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में एलआईसी बैंक की बचत खाता ब्‍याज दर के आधार पर ब्‍याज सहित धनराशि का भुगतान करेगी। 

पीएम किसान योजना में मिलने वाली धनराशि को किसान सीधे पेंशन योजना के योगदान राशि के रूप में भुगतान कर सकते हैं। यदि नियमित भुगतान में विलम्‍ब होता है या अल्‍प समय के लिए भुगतान रुक जाता है तो किसान ब्‍याज के साथ सम्‍पूर्ण पिछले बकाये का भुगतान कर सकते हैं। साझा सेवा केन्‍द्रों एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं का संचालन के लिए बनाए गए जनसेवा तथा लोकवाणी आदि केन्द्रों के जरिये भी इस योजना का पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीयन निशुल्‍क है। सरकार साझा सेवा केन्‍द्रों को प्रति पंजीयन 30 रुपये का भुगतान करेगी। 

एक शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था बनाई जाएगी जिसमें एलआईसी, बैंक और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि के तहत 10 करोड़ लाभार्थियों का लक्ष्‍य इस वर्ष हासिल कर लिया गया है। पीएम किसान योजना के तहत अभी तक 5,88,77,194 तथा 3,40,93,837 किसानों को क्रमश: पहली और दूसरी किस्‍त प्राप्‍त हुई है।  

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