आज के समय में सरकार व किसान स्वयं अपनी आय को दोगुना करने के लिए विभिन्न कोशिशें कर रहे हैं। इसकी वजह से किसान फिलहाल परंपरागत खेती के साथ-साथ खेती की नवीन तकनीकों को अपनाने लगे हैं, परिणाम स्वरूप उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा भी हांसिल हो रहा है। तेलंगाना के करीमनगर के किसान ने भी इसी प्रकार की मिश्रित खेती को अपनाकर अपनी आमदनी को लगभग दोगुना किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी करीमनगर के किसान की इन कोशिशों और परिश्रम की सराहना की। साथ ही, कहा कि आप भी खेती में संभावनाओं का काफी सशक्त उदाहरण हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 जनवरी 2023 को विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप की है। इस कार्यक्रम में भारत भर से विकसित भारत संकल्प यात्रा के हजारों लाभार्थी शम्मिलित हुए हैं। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी से वार्तालाप करते हुए करीमनगर, तेलंगाना के किसान एम मल्लिकार्जुन रेड्डी ने बताया कि वह पशुपालन और बागवानी फसलों की खेती कर रहे हैं। कृषक रेड्डी बीटेक से स्नातक हैं और खेती से पहले वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्य किया करते थे। किसान ने अपनी यात्रा के विषय में बताया कि शिक्षा ने उन्हें एक बेहतर किसान बनने में सहायता की है। वह एक एकीकृत पद्धति का अनुसरण कर रहे हैं, इसके अंतर्गत वह पशुपालन, बागवानी और प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
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बतादें, कि इस पद्धति का विशेष फायदा उनको होने वाली नियमित दैनिक आमदनी है। वह औषधीय खेती भी करते हैं और पांच स्त्रोतो से आमदनी भी हांसिल कर रहे हैं। पूर्व में वह पारंपरिक एकल पद्धति से खेती करने पर हर साल 6 लाख रुपये की आय करते थे। साथ ही, वर्तमान में एकीकृत पद्धति से वह हर साल 12 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं, जो उनकी विगत आमदनी से भी दोगुना है।
किसान रेड्डी को आईसीएआर समेत बहुत सारे संस्थाओं एवं पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू द्वारा भी सम्मानित व पुरुस्कृत किया जा चुका है। वह एकीकृत और प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार भी खूब कर रहे हैं। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में कृषकों को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, ड्रिप सिंचाई सब्सिडी और फसल बीमा का फायदा उठाया है। प्रधानमंत्री ने उनसे केसीसी पर लिए गए ऋण पर अपनी ब्याज दर की जांच-परख करने के लिए कहा है। क्योंकि, केंद्र सरकार और राज्य सरकार ब्याज अनुदान प्रदान करती है।