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पीएम प्रणाम योजना को मिली मंजूरी, केंद्र सरकार खास पैकेज के रूप में 3.7 लाख करोड़ करेगी खर्च

Published on: 04-Jul-2023

यूरिया सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2025 तक जारी रखने के लिए कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसके अतिरिक्त मृदा की उत्पादकता को बढ़ाने एवं खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए। केंद्रीय कैबिनेट ने सल्फर कोटेड यूरिया की शुरुआत को हरी झंडी दे दी। सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड के नाम से जाना जाएगा। इससे पूर्व सरकार नीम कोटेड यूरिया भी लेकर आ चुकी है। साथ ही, सरकार ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाने का भी फैसला किया है। साथ ही, यूरिया सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2025 तक जारी रखने के लिए कैबिनेट से हरी झंडी मिल चुकी है। इसके अतिरिक्त मृदा की उत्पादकता को बढ़ाने एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु भी विभिन्न योजनाओं को मंजूरी मिली है। साथ ही, कचरे से पैसा बनाने के लिए मार्केट डेवलपमेंट अस्सिटेंस के लिए 1451 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। वहीं, पराली एवं गोबर्धन पौधों से ऑर्गेनिक खाद बना कर मृदा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा।

पंजाब में सबसे ज्यादा खाद का इस्तेमाल किया जाता है

कैबिनेट बैठक के उपरांत केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है, कि जो राज्य सरकारें कम उर्वरकों का उपयोग करेंगी, उनको केंद्र की तरफ से प्रोत्साहन दिया जाएगा। विशेष बात यह है, कि पंजाब खाद का इस्तेमाल करने में नंबर वन राज्य है। इसने पहले के तुलनात्मक 10 प्रतिशत ज्यादा उर्वरक का इस्तेमाल किया है, जबकि पैदावार में गिरावट आई है। ये भी पढ़े: इस राज्य में किसान कीटनाशक और उर्वरक की जगह देशी दारू का छिड़काव कर रहे हैं

किसानों के लिए 3.7 लाख करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की घोषणा

साथ ही, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया ने कहा है, कि कैबिनेट ने किसानों के लिए 3.7 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की है। साथ ही, बैठक में पीएम प्रणाम योजना के नाम से एक योजना चालू करने का फैसला लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई राज्य रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करता है, तो सब्सिडी पर होने वाली बचत राशि को उसी राज्य को प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।

केंद्र सरकार सल्फर कोटेड यूरिया हेतु 370000 करोड़ रुपये का खर्चा करेगी

जानकारों के मुताबिक, सल्फर कोटेड यूरिया का उपयोग करने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही, उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। केंद्र सरकार आगामी 3 साल में सल्फर कोटेड यूरिया के ऊपर 370000 करोड़ रुपये का खर्चा करेगी। फिलहाल, भारत में 12 करोड़ किसान उर्वरक उपयोग कर रहे हैं। औसतन केंद्र सरकार प्रत्येक किसानों को 21233 रुपये उर्वरक सब्सिडी के तौर पर देती है। मुख्य बात यह है, कि विगत एक वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा 12 करोड़ किसानों को उर्वरक सब्सिडी के रूप में 630000 करोड़ रुपये दिया है। वर्तमान में भारत खाद की मांग को पूर्ण करने हेतु दूसरे देश से 70 से 80 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर आयात करता है।

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