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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत बिहार में निरस्त किए जा रहे हैं आवेदन, जानें कहीं लिस्ट में आपका नाम तो शामिल नहीं

Published on: 03-Feb-2023

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना के तहत 12वीं किस्त किसानों को दी जा चुकी है। अब किसान 13 वीं किस्त का इंतज़ार कर रहे हैं। यह किस्त अभी तक किसानों के खाते में नहीं पहुंची है। किसानों द्वारा दिए गए आवेदन में गड़बड़ी होने के कारण राज्य की तरफ से ऐसा किया जा रहा है। अब सभी राज्य किसानों की पात्रता और पात्रता की जांच कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो पात्रता के आधार पर करोड़ों किसान इस योजना से बाहर होने की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत सभी राज्यों में किसानों की जांच जारी है। बिहार की सरकार ने भी जांच के बाद कुछ किसानों को लिस्ट से बाहर कर दिया है।

बिहार के अररिया में योजना की लिस्ट से बाहर किए गए हैं किसान

बिहार के अररिया मैं काफी ज्यादा संख्या में किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभ उठा रहे थे। लेकिन अब उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। यहां पर जमीन एक ही सदस्य के नाम पर थी और उसी जमीन पर कई लोगों ने आवेदन दिया था। काफी किसान परेशान हैं और अपनी पात्रता को सही बताने के लिए ऑनलाइन केंद्र और कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन यहां पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने एकदम स्पष्ट कर दिया है, कि जब तक ईकेवाईसी और बाकी की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। तब तक किसानों के खाते में पैसा नहीं भेजा जाएगा।

लाखों किसानों के आवेदन हो गए हैं रिजेक्ट

आंकड़ों की मानें तो 4.49 लाख में से 1.11 लाख आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। बहुत से किसानों के आवेदन की जांच करने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। केवल पूरी तरह से पात्रता रखने वाले किसानों को ही अब यह किस्त जारी की जाएगी। बाकी सब के आवेदन को सरकार की तरफ से निरस्त कर दिया गया है। ये भी देखें: इस राज्य के 21 लाख किसानों का पीएम किसान सम्मान निधि से गायब हुआ नाम

क्यों किए जा रहे हैं आवेदन निरस्त

अधिकारियों से हुई बातचीत में पता चला है, कि किसानों ने जमीन से जुड़े हुए कागजात सही ढंग से जमा नहीं किए हैं। बहुत सी जगह पर जमीन केवल एक व्यक्ति के नाम पर है और उसी जमीन के आधार पर बाकी कई लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभ ले रहे हैं। अधिकारियों ने इस तरह के मामलों में आवेदन को फर्जी मानते हुए उसे पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। इसके अलावा अधिकारियों की तरफ से यह जानकारी भी दी गई है, कि बहुत से किसानों ने कई तरह की डिटेल सही ढंग से जमा नहीं करवाई है।

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