इस योजना को शुरू कर प्रधानमंत्री मोदी ने महिला किसानों का किया सशक्तिकरण

Published on: 01-Dec-2023

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वार्तालाप की।  किसानों के हित के लिए सरकार की तरफ से बहुत सारी योजनाएं जारी की जा रही हैं। साथ ही, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी बड़े इसके लिए भी सरकार कार्य कर रही है। आज के विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वार्तालाप की है। इसी दौरान प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ किया गया। ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत 1261 करोड़ रुपये के समकुल खर्च के साथ महिलाओं को 15 हजार ड्रोन बांटे जाएंगे।

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पीएम मोदी प्राकृतिक एवं सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के नजरिए की नई आकांक्षा पैदा हुई है

पीएम मोदी का कहना है, कि सरकार की ओर से लोगों की जरूरतों को पहचानने एवं उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने के प्राकृतिक न्याय-सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के नजरिए की नवीन आकांक्षा पैदा हुई है। इसके साथ ही करोड़ों लोगों के अंदर उपेक्षा की भावना समाप्त हुई है। पीएम का कहना है, कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए चल रहे अभियान को ड्रोन दीदी के माध्यम से ज्यादा मजबूती मिलेगी। इससे आमदनी के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होंगे। इससे कृषकों को बेहद ही कम कीमत पर ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक मिल सकेगी, जिसके सहयोग से समय के साथ-साथ दवा एवं उर्वरकों की भी बचत होगी।

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महिलाओं को ड्रोन उपलब्ध कराने को लेकर क्या कहा 

इसके साथ ही, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है, कि महिलाओं को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध किए जाएंगे। दरअसल, इन ड्रोन दीदी के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण भी होगा और वह आत्मनिर्भर भी बनेंगी, रोजगार सृजन से उनकी आजीविका शानदार होगी। इसके साथ ही खेती में ड्रोन का उपयोग बढने से खेती भी काफी उन्नत बनेगी। स्वयं सहायता समूहों से संबंधित बहनों की क्षमता बढ़ाने एवं आजीविका को शानदार करने के लिए ड्रोन दीदी कार्यक्रम की कल्पना बेहद ही ज्यादा शानदार है। उन्होंने कहा है, कि पेस्टीसाइड, यूरिया और डीएपी का जब खेतों में छिड़काव होता है, तो शरीर पर इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त इस दौरान कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम छिड़काव जैसा असंतुलन भी बना रहता है। हालाँकि, कि जब ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा तो शरीर पर दुष्प्रभाव कम देखने को मिलेगा। वहीं, उर्वरक की खपत भी काफी हद तक कम हो जाएगी।

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