Published on: 08-Jul-2022
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच जारी जंग से ग्लोबल मार्केट में गेंहू की सप्लाई प्रभावित
नई दिल्ली।
इस साल गेंहू की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते भारत ने गत 14 मई को
गेंहू निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उधर रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते ग्लोबल मार्केट में गेंहू की सप्लाई को बुरी तरह प्रभावित किया है। करीब 2 माह बाद भारत सरकार गेंहू निर्यात को मंजूरी देने जा रही है। लेकिन इसके लिए कुछ नए नियम बनाए गए हैं।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने करीब 16 लाख टन गेंहू के निर्यात के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को जारी कर दिया गया है। ये सर्टिफिकेट सिर्फ उन व्यापारियों को ही दिया जाएगा, जिनके पास लेटर ऑफ क्रेडिट होगा।
13 मई से पहले जारी हो चुके हैं लेटर ऑफ क्रेडिट
- सरकार गेंहू की उस खेप के निर्यात के लिए अनुमति देने जा रही है, जिनके लिए लेटर ऑफ क्रेडिट 13 मई या उससे पहले जारी किया गया था।
ये भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत ने क्यों लगाया गेंहू पर प्रतिबंध, जानिए संपूर्ण व्यौरा
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी
अनाज की कीमतों पर काबू पाने के लिए गेंहू की सप्लाई को बहुत बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। दोनों देश मिलकर
वैश्विक गेंहू आपूर्ति का लगभग एक चौथाई हिस्सा पूरा करते हैं।
16 लाख टन गेंहू को मिली है मंजूरी
- वैध लेटर ऑफ क्रेडिट वाले निर्यातकों को अपनी खेप भेजने के लिए
विदेश व्यापार महानिदेशालय के पास रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें गेंहू के एक्सपोर्ट के लिए मंजूरी दे दी जाएगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय के क्षेत्रीय अधिकारी निर्यातकों को आरसी भी जारी करेंगे। अब तक 16 लाख टन गेंहू के निर्यात के लिए आरसी जारी कर दी गई है। रूस ने तुर्की के माध्यम से गेंहू का निर्यात शुरू कर दिया है। वैश्विक बाजार में अब गेंहू की कीमतें स्थिर हो सकती हैं।
ये भी पढ़ें: गेहूं के फर्जी निर्यात की जांच कर सकती है सीबीआई
भारत में 14 फीसदी गेहूं का उत्पादन
- भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत ने 2020 में दुनिया के कुल उत्पादन में लगभग 14 फीसदी योगदान किया था। भारत सालाना लगभग 107.59 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होता है। लेकिन इसका एक बड़ा भाग घरेलू खपत में जाता है। भारत में प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बिहार और गुजरात हैं।
पिछले साल 70 लाख टन गेंहू का हुआ था निर्यात
- अन्य देशों की तुलना में भारतीय गेहूं की बेहतर मांग होने के कारण 2021-22 में भारत ने 70 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ था। इसकी कीमत करीब 2.05 बिलियन अमरीकी डॉलर के आस-पास थी। पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50% शिपमेंट बांग्लादेश को भेजा जा चुका था। 2020-21 में भारतीय गेहूं का सबसे अधिक आयात करने वाले देश बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल, यमन और अफगानिस्तान आदि देश शामिल रहे थे।
------
लोकेन्द्र नरवार