Published on: 13-Feb-2023
रजनीगंधा, गेंदा और मसालों की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. जहां राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत चुनिंदा खेती करने वाले किसानों को अनुदान दिया जा रहा है.
देश में लगातार बागवानी फसलों का क्रेज बढ़ रहा है. बागवानी की ये फसलें कम लागत के साथ कम समय में किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रही हैं. जिसके बाद किसान भी अन्य तरह की फसलों के साथ बागवानी फसलों की खेती करने लगे हैं. ताकि अतिरिक्त इनकम की जा सके. हालांकि इस काम में सरकार भी किसानों की खूब मदद कर रही है, ताकि वो उन्हें तकनीकी आर्थिक सहयोग दे सके. इसी तर्ज पर सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से उत्तर प्रदेश के किसानों को जोड़ा जा रहा है.
यूपी के जिले शामली में कुछ खास चुनिंदा फल, सब्जी और फूल के साथ मसालों की खेती के लिए सरकार ने अनुदान का प्रावधान किया है. जिसे लेकर ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिल सके इसलिये उद्यान विभाग को निर्देश भी दे दिए गये हैं.
यह फसलें देंगी फायदा
गन्ना और गेहूं की फसलों के अलावा दूसरी तरह की फसलों की खेती करने को लेकर किसानों को प्रेरित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके अंतर्गत समय समय पर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. योजना के तहत लीची, रजनीगंधा, गेंदा, शिमला मिर्च, प्याज, कद्दू की खेती पर किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है. तो वहीं कुछ फसलों की खेती के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को जोड़ा है.
कौन सी फसल में कितना अनुदान?
बागवानी की फसलों का उत्पादन बढ़ाने के अलावा खेती में लगने वाली लागत को कम करने के लिए योजना के तहत अलग अलग तरह की फसलों पर अलग अलग दरों पर अनुदान दिया जाता है.
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में
- अगर किसान आम की बागवानी करता है तो, उसे 25 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा. किसानों को यह पैसा तीन किस्तों में मिलेगा.
- अगर किसान अमरुद की बागवानी करता है तो प्रति हेक्टेयर का खर्च लगभग 38 हजार 340 रुपये तय किया गया है. जो 50 फीसद सब्सिडी के हिसाब से तीन किस्तों में दी जाएगी.
- अगर किसान लीची की बागवानी करता है तो उन्हें प्रति हेक्टेयर की लागर करीब 28 हजार रुपये में 50 फीसद छूट मिलेगी. या पैसा भी किसानों को तीन किस्तों में दिया जाएगा.
- वहीं शिमला मिर्च और हाइब्रिड सब्जियों के साथ कद्दू की खेती करने पर किसानों को 40 फीसद की अनुदान राशि दी जाएगी.
- रजनीगंधा की खेती करने वाले किसनों को 40 फीसद सब्सिडी के रूप में मदद मिलेगी.