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इस राज्य में फसल पर ड्रोन से छिड़काव व निगरानी बिल्कुल मुफ्त में की जाएगी

Published on: 23-Nov-2023

झारखंड में फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों के समय की बचत होगी। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है और कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि राज्य के 167 सेंटर से किसानों को ड्रोन की मुफ्त सेवा मिलेगी। झारखंड राज्य में ड्रोन के माध्यम से फसल एवं पौधों का संरक्षण किया जाएगा। ड्रोन से फसलों एवं पौधों का बचाव करने के लिए दवा का स्प्रे एवं सर्वेक्षण का काम किया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कीटनाशक दवा एवं संबंधित कार्य के लिए उपकरण खरीदा जाएगा। इसके लिए संबंधित समिति को प्रस्ताव भेजा गया है।

इस तरह की योजना पहले से ही चल रही थी  

बतादें, कि छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की योजना पहले से चल रही थी। विगत कुछ वर्षों से इस योजना पर विभाग की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा था। जब राज्य में निरंतर दो वर्षों से कम वर्षा होने की वजह से बहुत से प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई। विलंभ से बारिश होने पर किसानों ने धान की विलंभ से ही रोपाई की है। विभाग द्वारा फसल क्षति को लेकर जमीन आंकलन कराया गया और इसमें फसल हानि के कारणों का पता किया गया, तब समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं होने तथा बाकी रोगों से फसल के खराब होने की भी जानकारी मिली। इसके पश्चात फसलों का संरक्षण करने के लिए ड्रोन से दवा छिड़काव करने एवं सर्वेक्षण का कार्य करने के लिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

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छत्तीसगढ़ में लगभग 167 पौध संरक्षण केंद्र हैं 

राज्य में समकुल 167 प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर पहले से स्थापित हैं। प्रत्येक केंद्र में तीन पद सृजित हैं, जिसमें कनीय प्लांट प्रोटेक्शन अफसर समेत अन्य के पद शम्मिलित है। परंतु, केंद्र पर कर्मियों की कमी है। इसके लिए अब आउटसोर्स के माध्यम से कर्मियों को बहाल किए जाने की योजना निर्मित की जा रही है। ड्रोन समेत अन्य उपकरण की खरीदारी सरकार की तरफ से की जा रही है। हालांकि, कितने ड्रोन खरीदे जाएं, इस पर वर्तमान में विचार-विमर्श चल रहा है। इसके पश्चात आउटसोर्स कर्मियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

किसानों को यह सुविधा पूर्णतय मुफ्त में प्रदान की जाऐगी 

बतादें, कि इस योजना में कुल 32 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। हालांकि, यह खर्चा बढ़ भी सकता है। ड्रोन की खरीदारी एवं प्रशिक्षण के पश्चात प्लांट प्रोटेक्शन केंद्र पर कोई भी किसान अपने खेतों में स्प्रे के लिए आवेदन देगा। इसके बाद सेंटर से ड्रोन ले जाकर किसान के खेतों में छिड़काव का कार्य किया जाएगा। यह सेवा पूर्ण रूप से नि:शुल्क मुहैय्या कराई जाएगी। विभाग की तरफ से फसल एवं पौधे के पोषण के लिए दवा व कीटनाशक दवा के साथ-साथ बाकी की खरीदारी भी विभाग की तरफ से की जा रही है।

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