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अरबी के पत्तों से कमाएं 2 लाख रुपये प्रति एकड़: लाभ, मौसम, मिट्टी, बुवाई और सिंचाई के टिप्स

Published on: 24-May-2024
Updated on: 24-May-2024

अरबी के पत्तों की मांग आजकल बढ़ रही है। इसकी बाजार की मांग अधिक होने से इसका रेट भी अच्छा खासा मिलता है। अरबी के पत्तों की सब्जी बड़ी चाव के साथ खाई जाती है।

यह पत्तें स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होते है। अरबी के पत्ते बहुत पौष्टिक होते हैं, इसमें विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट बहुत होते हैं।

मानव शरीर इन सभी तत्वों से काफी लाभ उठाता है और कई बीमारियों से बचाता है। इसलिए लोग इसे अधिक खरीद कर खाने लगे हैं।

यह इन गुणों के कारण किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकता है। तो आइये जानते हैं कि इसका उत्पादन कैसे किया जाता है।

अरबी की खेती के लिए मौसम

अरबी गर्मी और ठंड दोनों का सामना कर सकती है, इसलिए इसकी खेती दो सीजन में होती है। इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में की जा सकती है।

यह जुलाई के अंत तक खरीफ के मौसम में बोई जा सकती है, जिससे फसल दिसंबर तक तैयार हो जाती है।

रबी के समय अक्टूबर में किसान इसकी बुवाई करते हैं, फिर अप्रैल से मई तक फसल तैयार की जाती है। गर्मी और बरसात में इसके पौधे बहुत जल्दी फैलते हैं।

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अरबी की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है?

वैसे तो अरबी की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है। मुख्य रूप से इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली जमीन की जरूरत है। 

बालुई दोमट मिट्टी खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। यह खेती करने के लिए भूमि का pH 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए। अरबी की खेती के लिए दोनों उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त हैं।

अरबी की बुवाई कैसे की जाती है?

अरबी के बीजों की रोपाई कंद की तरह होती है, जिसके लिए एक एकड़ में लगभग 10 से 12 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। 

कंद की रोपाई से पहले, उन्हें बाविस्टीन या रिडोमिल एमजेड-72 की पर्याप्त मात्रा दी जाती है।

इसके बाद कंद की रोपाई दो तरीके से की जाती है: एक समतल भूमि में क्यारियों में और दूसरा खेत में मेड़ को तैयार करके 5 से.मी. की गहराई में दोनों तरीके से कंद की रोपाई की जाती है। 

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अरबी की फसल में सिंचाई कब करे?

गर्मी के मौसम में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए पौधों को अधिक सिंचाई दी जानी चाहिए। यदि कंदो को बारिश के मौसम में रोपा गया है, तो पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होगी।

यदि बारिश समय पर नहीं होती, तो पौधों को 20 दिन के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए; अगर बारिश होती है, तो सिर्फ जरूरत के हिसाब से पानी देना चाहिए।

एक अकड़ में अरबी की कितनी पैदावार हो जाती है?

अरबी की फसल 130-140 दिनों में तैयार हो जाती है। किसान एक एकड़ से 100-120 क्विंटल पत्तों का उत्पादन कर सकते है।

इसका मूल्य बाजार में 8 से 10 रुपये प्रति किलो होता है, लेकिन कभी-कभी 20 से 22 रुपये तक पहुंच जाता है। एक एकड़ में किसान 1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई कर सकता है।

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