Ad

ठंडे पानी से पकने वाला बिहार का 'मैजिक चावल' होता है शुगर फ्री, होती है खूब कमाई

Published on: 05-Jul-2022

पटना। आमतौर पर असम की ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर माजुला द्वीप में 'मैजिक धान' की खेती होती है। लेकिन इन दिनों बिहार में 'मैजिक चावल' ने धमाल मचा रखा है। मैजिक चावल की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बिहार के बगहा के रहने वाले विजय गिरी ने मैजिक धान की खेती की शुरुआत की थी। विजय गिरी ने सबसे पहले एक एकड़ जमीन में इसकी रोपाई की। और पहली ही साल में इसने अपना मैजिक दिखाना शुरू कर दिया। अब अच्छी पैदावार हो रही है। इसमें रासायनिक खाद की जरूरत नहीं होती है। यह ठंडे पानी से पकाया जाता है।

विजय गिरी के बारे में जानें

- ठंडे पानी से पकने वाले मैजिक चावल की खेती करने वाले विजय गिरी का नाम आज देश के चर्चित किसानों में लिया जा रहा है। इनको खेती में विभिन्न प्रकार के प्रयोग करने का जूनून रहता है। कभी ब्लैक व्हिट तो कभी ब्लैक राइस की खेती करके विजय गिरी चर्चाओं में रहते हैं। विजय गिरी के साथ किसान अवधेश सिंह भी मैजिक चावल की खेती कर रहे हैं। magic dhaan ki kheti

ये भी पढ़ें:
स्वर्ण शक्ति: धान की यह किस्म किसानों की तकदीर बदल देगी

मैजिक चावल को पकाने के लिए नहीं चाहिए गैस चूल्हा

- मैजिक धान की खासियत है कि इसको पकाने के लिए किसी रसोई गैस अथवा चूल्हे की जरूरत नहीं होती है। यह चावल सामान्य पानी में ही रखने पर 45-60 मिनट के अंदर भात बनकर तैयार हो जाता है। इसका बाजार भाव 40 से 60 रुपये प्रतिकिलो होता है। इसको खेत में पककर तैयार होने में 150-160 दिन लगते हैं।

शुगर फ्री होता है मैजिक चावल

किसान विजय गिरी ने मैजिक चावल की शुरुआत करके तमाम किसानों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। यह मैजिक धान पूरी तरह शुगर फ्री होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन की मात्रा सामान्य चावल के मुकाबले अधिक होती है। इस वर्ष मैजिक धान की खेती का रकवा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। ------ लोकेन्द्र नरवार

Ad