Published on: 09-Jul-2021
किसान भाइयों तीन नये कृषि कानूनों को लेकर चल रहे विवाद में सरकार ने किसानों को संतुष्ट करने के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की है। तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा लम्बे समय से आंदोलन चल रहा है। इसका असर देश की राजनीति पर भी पड़ा है। केन्द्र सरकार में सत्तारूढ़ दल को किसानों के कोप का शिकार होना पड़ा है। अन्नदाता के गुस्से को शांत करने के लिए सरकार ने मंत्रिमंडल के विस्तार के तत्काल बाद कृषि और कृषि मंडियों से जुड़ी अनेक लाभकारी योजनाओं का ऐलान किया है। साथ ही दक्षिण भारत के नारियल किसानों को भी खुश करने का प्रयास किया गया है।
एक लाख करोड़ रुपये किसानों तक पहुंचाये जायेंगे
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में किये गये नये बदलाव के बाद पहली प्रेस कांफ्रेंस में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों से जुड़ी अनेक लाभकारी योजनाओं का ऐलान करते हुए बताया कि सरकार पूरी तरह से किसानो के हित के लिए समर्पित है। कृषि मंत्री श्री तोमर ने बताया कि विस्तार के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों से जुड़ा सबसे अधिक महत्वपूर्ण फैसला यह लिया गया कि एक लाख करोड़ रुपये मंडियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।
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कौन-कौन होंगे अधिकृत
सरकार ने किसानों तक एक लाख करोड़ रुपये पहुंचाने की जो योजना बनाई है, उसके बारे में कृषि मंत्री श्री तोमर ने बताया कि कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) यानी कृषि मंडियों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचायी जायेगी। केन्द्र सरकार द्वारा जारी यह इन्फ्रास्ट्रक्चर राशि उपयोग करने के लिए राज्य सरकारों, कोआपरेटिव फेडरेशनों, स्व सहायता समूहों और एपीएमसी को अधिकृत किया गया है। ये किसानों की तमाम समस्याओं को निपटाने का काम करेंगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड से किसानों को अनेक फायदे मिलेंगे, आय बढ़ेगी
केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों को पूरा भरोसा दिलाते हुए कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि सरकार द्वारा लाये गये नये कानूनों से कृषि मंडियां समाप्त होने नहीं जा रही हैं और न ही एपीएमसी एक्ट पर कोई प्रभाव पड़ने जा रहा है बल्कि सरकार किसानों की आय को बढ़ाने और उसकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए कृषि मंडियों को पहले से अधिक मजबूत करने के लिए संकल्पित है। एपीएमसी के माध्यम से किसानों की भलाई के लिए ही यह इन्फ्रास्ट्रकर फंड जारी किया गया है। इसका पूरा लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि जहां इस इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के इस्तेमाल से एपीएमसी मंडियों अनेक संसाधन बढ़ेंगे, वहीं इससे किसानों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अनेक फायदे मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी।
ब्याज में छूट वाला दो करोड़ तक का लोन मिलेगा
किसानों के लिए सबसे अधिक लाभकारी योजना का ऐलान करते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार ने किसानों के समूह, व कृषि से जुड़े स्टार्टअप को 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज की छूट देने की व्यवस्था की है। श्री तोमर का कहना था कि इस तरह के ऋण की व्यवस्था में एक सीमा भी तय की गयी है। फिलहाल एक क्षेत्र में इस तरह के ऋण लेने वाले समूहों व स्टार्टअप की अधिकतम संख्या 25 तक हो सकती है। इन सभी को 2 करोड़ रुपये अलग-अलग लोन दिये जाएंगे और ब्याज में छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि कृषि उपज मंडी के क्षेत्र में किसानों के लिए एक से ज्यादा परियोजनाएं लाई जाएंगी और उन्हें ऐसे लोन दिए जाएंगे।
नारियल बोर्ड में बड़ा बदलाव
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि दक्षिण भारत में
नारियल की खेती करने वाले किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए वर्तमान नारियल एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि अब नारियल बोर्ड बनाया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए 1981 में नारियल विकास बोर्ड बनाया गया था। इस बोर्ड के एक्ट में वर्तमान समय की नारियल की खेती को देखते हुए कई तरह की खामियां हैं, इन सभी खामियों को दूर दिया जायेगा। इस बोर्ड का अध्यक्ष किसानों के बीच के किसी व्यक्ति को बनाया जायेगा, जिससे किसान अपनी बात कह सकें ओर बोर्ड अध्यक्ष किसानों की बाद को आसानी से समझ सके। इस बोर्ड के शासकीय अधिकार के लिए चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया जायेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इस बोर्ड के छह नामित सदस्य होंगे। दक्षिण भारत के नारियल उत्पादक राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश और गुजरात भी इस बोर्ड के सदस्य होंगे।