भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्में श्रीराम 303 गेहूं की किस्म, GW 322 किस्म, पूसा तेजस 8759 किस्म, श्री राम सुपर 111 गेहूं और HI 8498 किस्म प्रति हेक्टेयर 81 क्विंटल तक उत्पादन देने में सक्षम हैं। साथ ही, यह समस्त किस्में 100 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं। गेहूं की खेती से ज्यादा मुनाफा पाने के लिए कृषकों को गेहूं की उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए। जिससे कि किसान कम वक्त में ही ज्यादा से ज्यादा उपज हाँसिल कर उसे बाजार में बेच सकें। साथ ही, कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा भी समयानुसार फसलों की नवीन-नवीन किस्मों को तैयार किया जाता है। इसी कड़ी में आज हम देश के कृषकों के लिए भारतीय कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं। जो 100 से 120 दिन में पक जाती हैं। साथ ही, ये किस्में 81 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती हैं। गेहूं की जिन टॉप पांच उन्नत किस्मों के बारे में हम चर्चा कर रहे हैं। वह श्रीराम 303 गेहूं की किस्म, GW 322 किस्म, पूसा तेजस 8759 किस्म, श्रीराम सुपर 111 गेहूं और HI 8498 किस्म हैं।
गेहूं की HI 8498 किस्म को जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई है। इससे किसान प्रति हेक्टेयर 77 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं। साथ ही, यह प्रजाति 125-130 दिन में पूर्णतय पककर तैयार हो जाती है।
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गेहूं की यह किस्म खेत में 156 दिनों के समयांतराल में पककर तैयार हो जाती है। इसका औसतन पैदावार तकरीबन 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक किसानों को मिलती है। गेहूं की यह श्रीराम 303 गेहूं की किस्म पीला, भूरा और काला रतुआ रोधी किस्म है।