तोतापुरी आम, इस आम का नाम आपको सुनने में अजीब या अटपटा सा लग रहा होगा। तोतापुरी आम की विशेषताओं को जानने के लिए हमारी इस पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहें। हम आपको अपनी इस पोस्ट में तोतापुरी आम के हर से पहलू से रूबरू करेंगे।
आम की विभिन्न किस्मों में से सबसे बेहतरीन किस्म तोतापुरी आम की होती है। जो दिखने में हल्का केसरी रंग का होता है इसका ऊपरी हिस्सा केसरी रंग और नीचे का हल्का हरा दिखाई देता हैं।
तोतापुरी आम बेहद ही खूबसूरत होता है। यह तो बात हुई इस आम की ऊपरी रंगत कि अब हम बात करते हैं। इसके स्वाद की तोतापुरी आम स्वाद में बेहद ही मीठा होता है।
आम की किस्मों में इसकी जगह टॉप फाइव के अंदर आती है। तोतापुरी आम के गोदे बहुत ही मीठे होते हैं चीनी की तरह मुंह में घुल जाता है।
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यदि आपने कभी तोतापुरी आम को हाथ में लिया होगा तो आप खुद समझ गए होंगे। कि इसे तोतापुरी आम क्यों कहते हैं। यदि आप इस बात से अभी तक अपरिचित है तो हम आपको बताते हैं।
कि इस आम को तोतापुरी आम क्यों कहा जाता है: जब आप तोतापुरी आम को अपने हाथ में लेंगे तो आपको दिखाई देगा। कि इसका आकार चिड़िया की चोंच की तरह दिखाई देता हैं और इसका नीचे का हिस्सा पलटने पर पूछ की तरह निकला हुआ होता है।
इसकी आकृति पूरी तरह से तोते की मानें होती है और जब आम छोटे होते है तो यह पूरी तरह ही तोते के रूप में नजर आते हैं।
बाकी बड़े होने पर इनकी आकृति थोड़ी बहुत बदल जाती है। परंतु यह पूर्ण रूप से तोता के रूप में दिखाई देते हैं इसीलिए इसे तोतापुरी आम के नाम से पुकारा जाता है।
तोतापुरी आम का वजन लगभग 400 के ग्राम के ऊपर होता है। यह स्वाद में अलग होने के साथ अपनी खूबी के लिए भी जाने जाते हैं। वजन के आधार पर या मार्केट में ऊंचे दाम पर बिकते हैं।
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तोतापुरी आम की खेती साउथ इंडिया, तमिलनाडु, बेंगलुरु, कर्नाटक आदि शहरों में ऊंचे पैमाने पर होती है। तोतापुरी आम की फसल का उत्पादन इन सभी क्षेत्रों में हो रहा है। यहां तक कि पूर्वी उत्तर प्रदेश झारखंड या पश्चिमी बंगाल आदि शहरों में भी इनकी खेती शुरू हो गई है।
तोतापुरी आम की खेती के लिए सभी प्रकार की भूमि उपयुक्त होती है। तोतापुरी आम की खेती आप पहाड़ी पथरीली मिट्टी में भी कर सकते हैं। यह सभी भूमि तोतापुरी आम के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।
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तोतापुरी आम के लिए सभी प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती हैं। लेकिन किसान जिस मिट्टी का चयन करते हैं वह दोमट मिट्टी होती है।
तोतापुरी आम की खेती आप कड़ी और शुष्क दोनों प्रकार की भूमि में कर सकते हैं। जब वर्षा का मौसम करीब आ जाए, तब आपको इस बात का ख्याल रखना होगा। कि किसी भी प्रकार से पानी इकट्ठा ना हो, सड़न की समस्या ना पैदा हो। इसके लिए आपको जल निकास का प्रबंध पहले भी कर देना चाहिए।
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तोतापुरी आम का बीज रोपण करने से पहले आपको दो से तीन बार सिंचाई कर लेनी चाहिए। आवश्यकतानुसार दो से 5 बार आप सिंचाई करते रहे। जब पेड़ों में फल आने शुरू हो जाए, तो दो से तीन बार सिंचाई करना अत्यंत आवश्यक होता है।
तोतापुरी आम के इतिहास के विषय में प्राप्त के जानकारी के अनुसार सन 1901 में फ्लोरिडा द्वारा एक मैसेज के रूप में और करीब 1960 दशक में इस आम की किस्म को तोतापुरी के रूप में आयात करना शुरू हो गया था।
तोतापुरी आम दो प्रकार की किस्में फ्लोरिडा और एंडरसन तथा ब्रूक्स किस्मों के जनक कहे जाते हैं। तोतापुरी भारत में अन्य आम की किस्मों में सबसे प्रमुख है।
आचार जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। अचार चाहे जिस भी प्रकार से बने हो चाहे वह मीठे हो, खट्टे हो, चटपटे हो सभी प्रकार के अचार खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं।
अचार आप हर तरह से बना सकते है और हर प्रकार के आम का अचार बनता है। लेकिन सबसे अच्छा और बेहतर अचार तोतापुरी आम का होता है। क्योंकि तोतापुरी आम थोड़ा कम खट्टे होते हैं जिन्हें खट्टा कम पसंद हो उनके लिए तोतापुरी का अचार सबसे बेहतर होता है।
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तोतापुरी आम में विभिन्न प्रकार के आवश्यक तत्व मौजूद होते है। जिससे हमारे शरीर को लाभ पहुंचता है यह आवश्यक तत्व कुछ इस प्रकार है:
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारा यह आर्टिकल तोतापुरी आम की विशेषताएं पसंद आया होगा। हमने अपने इस आर्टिकल में तोतापुरी आम की खेती, तोतापुरी आम से होने वाले फायदे, तोतापुरी आम से जुड़ी हर प्रकार की आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारी अपने इस आर्टिकल में दी है।
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