केंद्रीय कृषि मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने रविवार 10 मार्च को झारखंड के सिमडेगा जनपद में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन किया। सिमडेगा जनपद के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित इस मेले का प्रमुख विषय “कृषि उद्यमिता– समृद्ध किसान” है।
मुख्य अतिथि श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए पूसा संस्थान और अन्य अनुसंधान संस्थाओं द्वारा लगातार बेहतरीन प्रयास किया रहा है।
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उन्होंने किसानों से नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। श्री मुंडा ने दलहन-तिलहन के क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद किसानों को संकल्प दिलाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि बीज में रोग ना लगे, इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। धान की फसल में जल की कम खपत हो, इसके लिए कैसे बीज तैयार किए जाएं, इस संबंध में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों के माध्यम से शोध व अध्ययन किया जा रहा है और नई फसल किस्में तैयार भी की गई हैं। इस प्रदर्शनी के जरिए से किसानों को फसलों में रोग से संरक्षण के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
अर्जुन मुंडा ने बताया कि सिमडेगा जिले को आदर्श जिला बनाना है। कृषि के आधुनिकीकरण के मकसद से केंद्रीय स्तर पर केंद्र के माध्यम से किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिससे वह सीधे कृषि मंत्रालय से जुड़कर नई तकनीकों का लाभ ले सकें और उनके गांव-खेत की जानकारी डिजिटल रूप से जुटाकर सरकार उनके कल्याण के लिए ज्यादा मजबूती से कार्य कर सकें।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली द्वारा सिमडेगा में आयोजित मेले के दौरान देशभर से विभिन्न कृषि संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र नवीन तकनीकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
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उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मूल्य संवर्धन और फसल विविधता पर चर्चा की जाएगी। मेले में कृषक उत्पादक संगठन व महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी स्टॉल लगाये गए है। पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा संगोष्ठी भी की जा रही है, जिससे किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
कृषि विज्ञान मेले के इस अवसर पर श्रीमती विमला प्रधान पूर्व मंत्री झारखंड, श्री निर्मल कुमार बेसरा पूर्व विधायक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, दिल्ली के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह, डा. एस.सी. दुबे कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, डा. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव प्रोद्यौगिकी अनुसंधान संस्थान, रांची, डा. विशाल नाथ समेत विभिन्न कृषि अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक एवं प्रतिनिधि भी मौजूद थे।