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मसालों के लिए सबसे बेहतरीन पतली मिर्च की सर्वश्रेष्ठ किस्में [Chili pepper varieties best for spices]

Published on: 29-Mar-2022

मिर्ची का नाम सुनते ही कुछ मीठा खाने का मन करता है, लेकिन उस से ज्यादा मन मिर्च खाने का होता है। बिना मिर्ची के किसी भी सब्जी , पकवान, मसाला, अचार और अन्य भोजनों मे स्वाद ही नहीं आता। मिर्ची को हम मसाले बनाने के लिए भी बहुत ज्यादा काम में लेते है। भारत के पश्चिमी और उतरी इलाको में सबसे ज्यादा मिर्ची खाई जाती है। आइये आज हम जानते हैं मसालों के लिए सबसे बेहतरीन पतली मिर्च की सर्वश्रेष्ठ किस्में [Chili pepper] । मिर्ची का सबसे पहले उत्पादन या फिर जन्म स्थान की बात करे तो वह है दक्षिणी अमेरिका। उसके बाद यह धीरे धीरे संपूर्ण विश्व भर में फैली है। भारत में मिर्ची की सबसे ज्यादा खेती आंध्र प्रदेश में होती है। यही से भारत की सबसे ज्यादा मिर्ची संपूर्ण देश भर में बेची जाती है। मिर्ची में भी बहुत सारी किस्में होती है। जैसे शिमला मिर्च जिसे हम सब्जी बनाने में काम में लेते है क्योंकि ये इतनी ज्यादा तीखी नही होती है। वही दूसरी ओर लाल मिर्च को मसाले और आचार बनाने के काम में लेते है, क्योंकि लाल मिर्च स्वाद में काफी तेज होती है। लाल मिर्ची के पौधे

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी ही पतली और स्वाद में तीखी मिर्ची के बारे में :-

मिर्ची की इन 7 किस्मों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।

  1. पंजाब की लाल मिर्च ( पंजाब लाल) :-

पंजाब की लाल मिर्च बहुत ही ज्यादा तीखी और स्वादिष्ट होती है। "पंजाब लाल" मिर्ची का एक पौधा होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 10-12 सेंटी मीटर होती हे। शुरुआती दौर में यह मिर्च आम मिर्च की तरह  हरी होती है लेकिन उसके बाद पूर्ण रूप से पकने पर लाल रंग की हो जाती है। अगर हम हरी मिर्च और लाल मिर्च के मुनाफे की बात करे तो सालाना  हरी मिर्च 75 क्विंटल होती है वहीं दूसरी तरफ लाल मिर्च 10 क्विंटल ही होती है।
  1. पूषा ज्वाला पतली तेज मिर्च :-

पूषा ज्वाला मिर्ची दिखने में पतली होती है लेकिन स्वाद में बहुत ही तीखी होती हैं। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल मसाले और आचार बनाने में किया जाता है, क्योंकि इसका स्वाद मसाले और आचार के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है। इसके अंदर विटामिन ए की मात्रा काफी ज्यादा होती है । इसी कारण इस मिर्ची को कई प्रकार की औषधीयां और दवाइया बनाने के लिए मेडिकल उपयोग में भी किया जाता हैं। ये भी पढ़े: विश्व की सर्वाधिक तीखी मिर्च ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया
  1. कल्याण पूर चमन मिर्ची :-

कल्याण पूर मिर्च का नाम कल्याण पूर गांव के नाम पर रखा गया। वही से इस प्रकार की मिर्च का सबसे ज्यादा निर्यात होता है।कल्याण पूर मिर्च शंकर किस्म की मिर्च के अंतर्गत आती हैं। खाने और मसाले बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। कल्याणपुर चमन मिर्ची को उगाने के लिए आप छोटे छोटे खबड़े बनाकर उसके अंदर खाद और उर्वरक डालकर मिट्टी तैयार कर ले। उसके बाद आप इसे बीजों के द्वारा भी लगा सकते हैं और पौधों की रोपाई के द्वारा भी लगा सकते हैं।
  1. भाग्य लक्ष्मी मिर्च :-

भाग्य लक्ष्मी का मतलब होता है की भाग्य में मिलने वाली लक्ष्मी लेकिन  यहां पर हम मिर्च की बात कर रहे है ना की पैसे की।भाग्य लक्ष्मी किस्म की मिर्ची दिखने में काफी पतली होती हैं।यह मिर्च इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है की इसकी खेती संपूर्ण भारत में की जाती हैं। भाग्यलक्ष्मी मिर्च का निर्यात भी आज कल बढ़ गया है। इसकी पैदावार भी अच्छी होने लगी है ,सुक्ष्ण कटिबंधीय इलाको में।
  1. आंध्र की आंध्र ज्योति मिर्च :-

यह एक बहु - वर्षीय किस्म है जिसकी एक साल में बहुत बार खेती की जा सकती है। आंध्र ज्योति मिर्च काफी जल्दी पक कर तैयार  हो जाती हैं। इसकी पैदावार भी बहुत ज्यादा होती हैं।इस किस्म की मिर्च की फलियां काफी लंबी और पतली होती हैं। साथ ही साथ इसमें  रोगों और बीमारियों से लड़ने के लिए बहुत ज्यादा क्षमता होती हैं। आंध्र प्रदेश की आंध्र ज्योति मिर्च को पकने के लिए हमेशा गर्म जलवायु पसंद आती हैं।
  1. जवाहर मिर्च :-

जवाहर मिर्च की किस्म को भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लीया जाता हैं। जवाहर मिर्च को सबसे उत्तम मिर्च माना जाता हैं। यह मिर्च थायपास और मायटास के लिए बहुत ही ज्यादा स्वेदनशील होती है। इस मिर्च को संपूर्ण रूप से तैयार होने में तकरीबन 120 से 130 दिनों का समय लगता है। हरी मिर्च और लाल मिर्च का अगर हम अंतराल देखे तो लाल मिर्च हरी मिर्च से काफी कम मात्रा में होती है। ये भी पढ़े: तीखी मिर्च देगी मुनाफा
  1. अर्का मेघना मिर्च :-

इस किस्म की मिर्च के पौधे दूसरी मिर्च की किस्म से काफी अलग होते है। इस मिर्च के पौधे काफी लंबे और गहरे हरे लाल रंग के होते हैं। अर्क मेघना मिर्च हरी और लाल दोनो प्रकार की फलियों के लिए बहुत ही ज्यादा उपयुक्त होती हैं। इसकी फलियों की लंबाई 10 सेंटी मीटर से लेकर 15 सेंटी मीटर तक होती है। यह मिर्च 3 से 4 टन प्रति साल होती है एक ही फसल से। मसालों के लिए सबसे बेहतरीन पतली मिर्च की सर्वश्रेष्ठ किस्में [Chili pepper varieties best for spices] जो उपरोक्त दी गयी हैं, इनके अलावा आप की जानकारी में मिर्च की किस्में जो आप यहां पोस्ट में डलवाना चाहें, तो कृपया कमेंट में जरूर साझा करें।

मिर्ची की तुड़ाई के लिए सबसे अच्छा समय :-

अलग अलग प्रकार की मिर्च की किस्म के लिए  तुड़ाई का समय अलग अलग  होता है। सामान्य प्रकार की मिर्च के लिए आप मिर्च की रोपाई करने के 80 से 90 दिनों के बीच में पक कर तैयार हो जाती है। इसके बाद आप आराम से मिर्ची की फलियों की तुड़ाई कर सकते हैं , हालांकि यदि आपको हरी मिर्च चाहिए तो आपको पहले तुड़ाई  करनी होगी और लाल मिर्च के लिए थोड़ा और समय देना होगा। सुखी यानी की सूखी लाल मिर्च के लिए आपको 140 से 150 दिनों तक का समय लगेगा। हरी मिर्च की पैदावार की बात करें तो यह 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है और वहीं दूसरी तरफ लाल मिर्च की पैदावार मात्र 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है।

मिर्च में लगने वाले रोग और बीमारियों से इस प्रकार छुटकारा पाएं :

मिर्च के रोग [chili plant disease] मिर्ची की फसल में सबसे ज्यादा लगने वाला रोग होता है फल गलन यानी की टहनी मार रोग। यह रोग इतना खतरनाक होता है कि यदि किसान भाई सही समय पर इसकी रोकथाम ना करें तो यह मिर्ची की पैदावार को बहुत ज्यादा कम कर देती हैं। ऐसे में किसानों को काफी ज्यादा नुकसान होता है।इस रोग में मिर्ची के पौधों की पत्तियों और फलियों पर काले और भूरे रंग के छोटे-छोटे धब्बे बनना शुरू हो जाते हैं। ये भी पढ़े: जानें मिर्च की खेती में कितनी लागत में किसान कितना मुनाफा कमा सकते हैं एक बार जब यह धब्बे बनना शुरू हो जाते हैं तो उसके कुछ ही समय बाद इन पर फफूंदी लग जाती हैं जो पत्तियों को संपूर्ण रूप से नष्ट कर देती हैं। ऐसे में मिर्ची का पूरा पौधा रोग के कारण मुरझा जाता है। हालांकि कई बार यह रोग हो जाने के बाद भी मिर्ची की पैदावार अच्छी होती हैं लेकिन मिर्ची की क्वालिटी और स्वाद बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है।इस रोग से बचने के लिए आप 400 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड और मैनजॉब या फिर जिन्आय को 200 लीटर पानी में मिलाकर 1 एकड़ के हिसाब से प्रति सप्ताह दो-तीन दिन के अंतराल से छिड़काव करें। यह जरूर याद रखें कि इसका छिड़काव प्रतिदिन ना करें क्योंकि यह काफी हानिकारक होता है मिर्ची के पौधों के लिए। 10 से 15 दिन तक इस प्रकार छिड़काव करने से काले और भूरे धब्बे सभी हट जाते हैं और पौधा पूर्ण रूप से विकसित होने लगता है जिसके कारण अच्छी पैदावार होती हैं। इसी के साथ आप यह भी याद रखें कि समय-समय पर पौधों पर कीटनाशकों का छिड़काव और खाद और उर्वरक देते रहें ताकि पौधों में पोषक तत्व और विटामिंस की बिल्कुल भी कमी ना आने पाए। आशा करते हैं की उपरोक्त जानकारी आपको पसंद आएगा, मसालों के लिए सबसे बेहतरीन पतली मिर्च की सर्वश्रेष्ठ किस्में [Chili pepper varieties best for spices] जो ऊपर दी गयी हैं, उनका प्रयोग आपके ज़ायके को बढ़ा दे। कृपया अपने सुझाव कमेंट में जरूर साझा करें।

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