लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राज्य में गन्ने का भाव 20 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर किसानों को तोहफा दिया है। हालांकि, बीकेयू नेता राकेश टिकैत इसे किसान के साथ मजाक बता रहे है। राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आज घोषित किए गए गन्ने का मूल्य काफी नहीं है। मात्र 20 रुपये बढ़ने से किसान को निराशा हुई है. प्रदेश का किसान हरियाणा की तरह 400 रुपये से अधिक गन्ना मूल्य घोषित होने की आशा कर रहा था, क्योंकि खेती पर प्रतिदिन खर्च बढ़ता जा रहा है। इसके अनुपात में किसान को फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।"
उन्होंने कहा कि हम 26 जनवरी को देश भर में ब्लॉक व तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। क्योंकि हमने दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में भी ट्रैक्टर परेड निकाली थी। देश का किसान 16 फरवरी को भारत बंद के साथ-साथ खेती किसानी के सभी कार्य भी एक दिन नहीं करेगा। टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन लंबित चल रही है। अपनी सभी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में 14 मार्च को एक दिवसीय किसान महापंचायत का आयोजन करेगा, जिसमें देश भर के किसान शामिल होंगे।
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इसके पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का भविष्य सरकार नहीं, आंदोलन तय करेगा। केंद्र में किसी की भी सरकार बने, किसानों की आवाज सुननी होगी। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन अराजनैतिक है। लोकसभा चुनाव में हमारी कोई सक्रिय भूमिका नहीं है। पूंजीवाद देश पर हावी हो रहा है। किसानों के बच्चों के पास रोजगार नहीं है। जमीन बेचकर गुजारा कर रहे हैं। किसानों को सबसे निचले स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। मजबूरी में लाखों किसान भूमिहीन होकर मजदूर बन रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को तोहफा दिया है। गन्ने का समर्थन मूल्य 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला लिया गया है। इस दौरान लगभग एक दर्जन प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। यूपी सरकार के इस फैसले पर पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों ने खुशी जाहिर की है। आपको बतादें, कि यह तीसरा मौका है जब 2017 के बाद योगी सरकार ने तीसरी बार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। 2017 में पहली बार जब बीजेपी की सरकार बनी थी तब गन्ने के समर्थन मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई थी। इसके उपरांत 2022 विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में गन्ने के मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। इस तरह देखा जाए तो पिछले सात सालों में योगी सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 55 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है।